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राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ बयान देने के मामले में गुरुवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपनी किसान यात्रा बीच में छोड़कर गुवाहाटी कोर्ट में पेश हुए. पेशी के बाद कोर्ट ने कांग्रेस उपाध्यक्ष को 50 हजार रुपये का बॉन्ड भरने का आदेश दिया है. आरएसएस मानहानि मामले पर राहुल गांधी ने कहा, ‘मुझे गरीबों और जरूरतमंद लोगों से दूर करने के लिए ये केस दायर किया गया है. मेरी लड़ाई किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों और गरीबों के लिए है, जो आगे भी जारी रहेगी.’
‘आरएसएस विचारधारा के खिलाफ जारी रहेगी लड़ाई’
राहुल गांधी ने कहा, ‘आरएसएस और ऐसी कोई दूसरी संस्था जो देश को बांटने का काम करती है, उनकी विचारधारा के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी. मैं इन केसों से डरा हुआ बिल्कुल भी नहीं हूं. मैं खुश हूं. उन्हें मेरे खिलाफ जितना चाहे केस दर्ज कराने दो. मैं देश की एकता के लिए लड़ाई जारी रखूंगा’
क्या है मामला?
आरएसएस के स्वयंसेवी अंजन बोरा ने राहुल गांधी के खिलाफ कथित तौर पर आरएसएस की इमेज खराब करने के लिए मानहानि का केस दर्ज कराया है. उनका आरोप है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने मीडिया के सामने कहा था कि उन्हें पिछले साल दिसंबर में आरएसएस सदस्यों ने ‘बारपेटा सत्र’ में दाखिल नहीं होने दिया, जबकि, राहुल पिछले साल 12 दिसंबर को 16 वीं सदी के बारपेटा सत्र का दौरा करने वाले थे, लेकिन उन्होंने सत्र में शामिल न होने का निर्णय लिया और इसके बदले उन्होंने बारपेटा शहर में एक रैली में हिस्सा लिया.
बोरा ने बताया कि आरएसएस सत्र का संचालन नहीं करता, इसलिए वह उन्हें रोक नहीं सकता था. कांग्रेस उपाध्यक्ष के बयान से सत्र की प्रतिष्ठा को भी धक्का पहुंचा. इसलिए उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.