Published On : Fri, Jun 21st, 2019

दौड़ने को तैयार मिनी बसों को रोका जगताप ने

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कहा कल-परसों में देखते हैं,मनपा प्रशासन की चुप्पी समझ से परे

नागपुर: मनपा प्रशासन ने आनाकानी करते-करते लोकसभा चुनाव के आचार संहिता के घोषणा पूर्व मनपा परिवहन सेवा में मिनी बसों को समाहित करने की हामी भरी,ऑपरेटरों ने खुद के खर्च पर गाड़ियां भी खरीद ली लेकिन मनपा प्रशासन के सह पर उसे शुरू करने में तथाकथित परिवहन व्यवस्थापक शिवाजी जगताप ने पुनः कल रोक लगा दी.

कल गुरुवार की आमसभा में कांग्रेस के नगरसेवक मनोज सांगोळे ने मिनी बस शुरू करने,नई बसें खड़ी होने से हो रही मनपा और ऑपरेटरों के नुकसान का मामला उठाया लेकिन इस मसले पर कोई ठोस पहल करने से महापौर सह मनपा प्रशासन दोनों ही टाल गए.जिसका फायदा उठाकर जगताप ने कल शाम २१ जून से शुरू होने की लिखित आदेश देने के बावजूद शुरू करने का मसला टालते हुए संबंधितों को सूचित कर दिया।उन्हें यह भी निर्देश दिया गया कि कल-परसों में देखते हैं.

दरअसल टालमटोल रवैय्ये की वजह यह हैं कि जिस मंत्री के हाथों मिनी बसों के संचलन का उट्घाटन करवाना चाह रहे ,वे वक़्त नहीं दे रहे.संभवतः शनिवार-रविवार को शहर में रहे तो उनके हाथों उद्घाटन करवाकर सम्बंधित अधिकारी वर्ग खुद की ‘टीआरपी’ बढ़ाना चाह रहे.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मनपा प्रशासन के आदेश बाद १०-१० के मिनी बसों का लॉट नागपुर आना शुरू हो चूका हैं.अबतक २० मिनी बसें शहर में आ चुकी हैं.जिसमें से १० मिनी बस ट्रेवल टाइम,५ आरके ट्रेवल व ५ हंसा ट्रेवल के डिपो पर पिछले एक माह से खड़ी हैं.

उक्त २० बसों में से १० बसों का इन्सुरेंस,आरटीओ,आरटीओ टैक्स,डिस्प्ले बोर्ड,अग्नि सुरक्षा उपकरण लगाने के नाम पर प्रत्येक बस पर ५ से ६ लाख रूपए खर्च हो चूका हैं.शेष १० बसें कंपनी से आकर जस के तस सभी के डिपो में खड़ी हैं.

जानकारी यह भी मिली कि प्रत्येक मिनी बस की कीमत २०-२० लाख रूपए हैं,जिसे वित्तीय संस्थानों से फाइनांस करवाया गया हैं.सभी ऑपरेटरों का मिनी बस के मामले में पहला किश्त २५ जून को लगने वाला हैं.

उल्लेखनीय यह हैं कि पिछले दिनों जगताप ने ही सभी ऑपरेटरों को पत्र दिया था कि २१ जून से २ मिनी शुरू की जाएंगी,जिसके उद्धघाटन के बाद शेष ८ मिनी बस भी तय रूट पर सेवा देना शुरू कर देंगी।लेकिन कल शाम आदतन जगताप ने पुनः रोक लगा कर अपने कुशल कार्यशैली का परिचय दिया।
ऑपरेटरों का २० करोड़ बकाया

मनपा प्रशासन के पहल पर शहर में ३ बस ऑपरेटर परिवहन सेवा दे रहे.इन्हें बकाया लगभग ३.५ – ३.५ करोड़ और मई २०१९ का ३.५ – ३.५ करोड़ अर्थात प्रत्येक ऑपरेटरों का लगभग ७-७ करोड़ रूपए नहीं दिया गया.ऊपर से कर्ज पर मिनी बस ख़रीदवाकर उन बसों पर कुल ५० लाख रूपए खर्च करवा दिया गया.यह विडम्बना नहीं तो और क्या हैं.न जनता को उचित परिवहन सेवा और न ही ऑपरेटरों का समय पर भुगतान हो रहा.