Published On : Fri, Jun 15th, 2018

पुणे के अमोल काले ने रची थी गौरी लंकेश हत्याकांड की साजिश

वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या में पुणे निवासी अमोल काले ने अहम् भूमिका निभाई थी। विशेष जांच दल (एसआइटी) की जांच में यह बात सामने आई है। एसआइटी ने गुरुवार को चार और आरोपयिों को अदालत में पेश किया। स्थानीय प्रथम एसीएएम न्यायाधीश ने उन्हें 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। वे सभी साहित्यकार के.एस भगवान की हत्या की साजिश रचने के मामले में भी शामिल थे। इस मामले की जांच में आरोपियों के लंकेश की हत्या में शामिल रहने की बात सामने आई। इनमें शामिल पुणे से सटे पिंपरी चिंचवड़ निवासी अमोल काले की गौरी लंकेश की हत्या की साजिश रचने की अहम जानकारी उजागर हुई है।

14 दिनों की रिमांड पर भेजा
एसआइटी ने बीते दिन गौरी लंकेश हत्याकांड में प्रवीण, अमोल काले, अमित देगवेकर और मनोहर एड़वे को अदालत के सामने पेश किया और पूछताछ के लिए उनकी रिमांड की मांग की। अदालत ने उसे स्वीकार करते हुए 14 दिन की रिमांड मंजूर की। इस मामले में एसआइटी अब तक केटी नवीन कुमार, सुजीत कुमार, अमोल काले, अमित देगवेकर, मनोहर एड़वे और एक दिन पहले परशुराम वाघमारे को गिरफ्तार कर चुकी है। एसआइटी ने परशुराम की मां और अन्य रिश्तेदारों को भी पूछताछ के लिए बेंगलूरु आने का नोटिस दिया है। एसआईटी ने अमोल काले को 21 मई को दावणगेरे में साहित्यकार के.एस भगवान की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

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इंजीनियर है अमोल

पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की साजिश पुणे के एक इंजीनियर ने रची थी। उसकी पहचान अमोल काले (37) के रूप में हुई है और एसआइटी ने उसे पिछले माह दावणगेरे में साहित्यकार के.एस भगवान की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला है कि अमोल काले समान विचारधारा वाले लोगों को एकजुट कर रहा था और दक्षिण पंथी विचारधारा का विरोध करने वालों की हत्या की साजिश रचता था। काले ने ही तीन दिन पहले गिरफ्तार किए गए परशुराम वाघमारे को महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीमा पर गोली चलाने का प्रशिक्षण दिया था। अमित देगवेकर को छोड़ सभी आरोपियों को गौरी लंकेश की हत्या के बारे में पूरी जानकारी है।

सतारा और बेलगावी में बनाई योजना
एसआइटी के अनुसार, अमित ने गौरी लंकेश की हत्या के लिए सतारा और बेलगावी में कई जगहों पर योजना बनाई। वह नायांडहल्ली में एक किराए के मकान में रहा। उसने हत्या की योजना बनाने के बाद 3 सितंबर को परशुराम को बुलाया था। परशुराम को अन्ना नामक एक व्यक्ति साथ लेकर बेंगलूरु आया था। तीनों 5 सितंबर 2017 की शाम राज राजेश्वरी नगर स्थित गौरी लंकेश के निवास के पास पहुंचे और उसके आने की प्रतीक्षा करनेे लगे। फिर परशुराम ने गौरी पर गोलियां चलाईं। पहला गौरी निशाना चूक गया और गोली दीवार में लगी। परशुराम ने इसके बाद तीन और गोलियां गौरी लंकेश पर चलाईं। फिर वहां प्रतीक्षा कर रहे अमोल काले के साथ नायंडहल्ली चला गया। अगले दिन परशुराम को सिंदगी भेजा गया।

रहता था किराये पर
दो दिन बाद अमोल काले और अन्ना भी मकान खाली कर चले गए। अन्ना का अभी तक पता नहीं चला है।वारदात से पूर्व परशुराम कई दिनों तक सुंकदकट्टे में एक रीयल एस्टेट एजेंट सुरेश के किराए के मकान में रहता था। आरोपियों से जब्त मोबाइल फोन में सुरेश के नंबर का पता लगा था। एसआइटी ने इस नंबर पर सुरेश का पता लगाकर उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। परशुराम की तस्वीर दिखाने पर सुरेश ने बताया कि वह किराए पर रहता था।

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