Published On : Tue, Mar 26th, 2019

पुलवामा हमले पर राजनीति करना उचित नहीं, न हमें इसका श्रेय चाहिए- नितिन गडकरी

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पुलवामा हमले के राजनीतिकरण पर टिप्पणी की है. गडकरी ने कहा कि ‘किसी को भी सुरक्षा बलों का अपमान करने का अधिकार नहीं है. न तो हम इसके लिए श्रेय चाहते हैं, न ही हम इसके बारे में बहस करना चाहते हैं. मैं मीडिया से आग्रह करता हूं कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बहस राष्ट्रहित में नहीं है. इससे बचना बेहतर है.’

जब यह पूछा गया कि भारतीय जनता पार्टी खुद इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है, तो केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘इसलिए मैं चुप रहना पसंद करता हूं. मैंने इस संबंध में अपनी भावनाएं प्रकट की थीं.’

गडकरी ने कहा, ‘हम पुलवामा को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते हैं. कभी-कभी वे ऐसे सवालों और जवाबों के चलते होता है. इसलिए इस पर चुप्पी बनाए रखना बेहतर है. मैंने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है। मेरे पास इससे परे कहने के लिए कुछ भी नहीं है.’

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा की ओर से हाल ही में दिए गए बयान पर गडकरी ने कहा कि अपने सशस्त्र बलों द्वारा किए गए बलिदान के इरादे पर बहस करना उचित नहीं है. मुझे पूरे दिल से लगता है कि इन मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. अगर हम पाकिस्तान की टीवी और रेडियो की भाषा में बात करते हैं, तो यह एक तरह से हमारी बहादुर ताकतों का अपमान होगा. न तो मैं इस तरह की चर्चाओं का जवाब देना चाहता हूं, न ही मेरे पास कहने के लिए कुछ है. ‘

सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाज़रानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री गडकरी ने चौकीदार कैंपेन पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि इस चौकीदार कैंपेन का पुलवामा हमले का कोई संबंध नहीं है. जब प्रधानमंत्री मोदी ने खुद को चौकीदार कहा तो चौकीदार चोर है कहा जाने लगा. प्रधानमंत्री भाजपा का नहीं, बल्कि देश का होता है. प्रधानमंत्री पर नैतिक भाषा में टिप्पणी की जानी चाहिए.’