- कर्मचारी कार्यालय में देर से आते है
- बायोमेट्रिक (थंब) मशीन खा रही धूल
- नहीं रहता वरिष्ठ अधिकारी का दबाव
- राज्य मंत्री क्या ध्यान देंगे ?
अहेरी (गड़चिरोली)। आल्लापल्ली में सार्वजनिक निर्माण विभागीय कार्यालय में सोमवार 29 दिसंबर को 12:30 से 1:00 बजे के करीब पत्रकार चमूने ने भेंट दी. यहाँ के कार्यालय के लेखा विभाग (एकाउंट) को छोड़कर बाकी स्टॉक विभाग, यांत्रिक विभाग, संगणक विभाग और प्रशासन विभाग में एक भी कर्मचारी उपस्थित नहीं था. लेकिन लाइट्स और पंखे शुरू थे. इससे लगता है कि इस कार्यालय पर वरिष्ठों का कोई दबाव नहीं है. कार्यालय की व्यवस्था राम भरोसे चल रही है ऐसा चित्र दिख रहा है. लेकिन कार्यालय के कर्मचारी “ये ऐसेही चलता है” ऐसा बता रहे है.
अधिक जानकारी के अनुसार पत्रकार चमूने दूसरे दिन करीब 1:00 बजे कार्यकारी अभियंता गाढे साहब से मिलने गए. पुछताछ के दौरान यहां के कर्मचारी अमरावती, अौरंगाबाद, चंद्रपुर के होने से सोमवार को देर से ही आते है. और गुस्से में आकर आप पत्रकार यहाँ आये कैसे? आपको क्या अधिकार है ऐसे प्रश्न पूछने का? पहले ही हम नक्सल ग्रस्त इलाके में काम करते हुए तंग आये है और ऊपर आप लोग हमे परेशान करते है. हमारे बगल में बैठा बड़ा ठेकेदार है ऐसा गाढे साहब ने कहाँ. इसके बाद बाहर जाना है कहकर ठेकेदार को लेकर कार्यालयीन गाड़ी से निकल गए. कार्यकारी अभियंता गाढे के विरोध में आल्लापल्ली, अहेरी के सभी पत्रकार संघ ने इस कृत्य का निषेध किया है. गड़चिरोली जिला राज्य सरकार ने नक्सलग्रस्त घोषित किया है. आलापल्ली, अहेरी यह मध्यस्थ है और सभी तालुका कार्यालय यहाँ है. इसके बाद सभी गांव 150 से 200 किमी दुरी पर है, वो भी नक्सल क्षेत्र में है. लेकिन लगता है कार्यकारी अभियंता गाढे यह भुल गए है.
पालकमंत्री तथा आदिवासी विकास मंत्री अम्ब्रीश राव आत्राम इस ओर ध्यान दे. काम को लेकर बेपरवाह अधिकारी, कर्मचारी पर सक्ती बरत कर नागरिकों को होने वाली परेशानी से मुक्ति दिलाए ऐसी मांग जोर पकड़ रही है.
