Published On : Fri, May 17th, 2019

संपत्ति कर बकाया ४ गुणा बढ़ा, वर्ष २०१९-२० का टार्गेट ५१४ करोड़

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विभाग के घाघ अधिकारी-कर्मियों की वजह से,शहर की सम्पत्तियों के अनुपात में कर्मियों की भारी कमी

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नागपुर: पिछ्ले 5 वर्षों में सम्पत्ति कर बकाया 4 गुणा बढ़ गया है. जिसकी एकमात्र वजह मनपा प्रशासन की निष्क्रियता बतलाई जा रही है. कागजों पर लंबे-चौड़े वादे कर मनपा में बाहरी अधिकारियों और नए-नवेले पदाधिकारियों को लुभाने का कार्यक्रम पिछले कुछ वर्षों से जारी है. पिछले ५ वर्षो में १२५ करोड़ से बकाया ५०० करोड़ तक पहुँच चुका हैं.

याद रहे कि मनपा संपत्ति कर विभाग पिछले १० वर्षों में स्थाई समिति के दिए हुए टार्गेट को कभी पूरा नहीं कर पाई. पिछले ५ वर्षों का आंकलन किया जाए तो वर्ष २०१५-१६ में १३०.६९ करोड़ रूपए,वर्ष २०१६-१७ में २३०.७१ करोड़,वर्षा २०१७-१८ में २९०.४२ करोड़ रूपए,वर्ष २०१८-१९ में ३२३.३६ करोड़ रूपए,वर्ष २०१९- २० में ५१४.७५ करोड़ बकाया वसूली का टार्गेट रखा गया है.

मनपा प्रशासन और पदाधिकारी की ढिलाई से पिछले ५ वर्षों में टार्गेट खासकर बकाया का ग्राफ बढ़ते गया. वर्तमान सूरत में इस व्यवस्था के कारण वर्ष २०१९-२० का टार्गेट पूर्ण होना नामुमकिन नज़र आ रहा है.

मनपा संपत्ति कर विभाग के अनुसार लक्ष्मी नगर जोन में ४९४९९ सम्पत्तियां हैं. इस जोन पर ११५.८५ करोड़, धरमपेठ जोन में २०८९९ सम्पत्तियां हैं. इस जोन पर ३१.७६ करोड़, हनुमान नगर में ५७१२८ सम्पत्तियाँ हैं, इस जोन पर ६४.८० करोड़. धंतोली जोन में १०९७२ सम्पत्तियाँ हैं, इस ज़ोन पर ३४.२५ करोड़. नेहरू नगर जोन में ५०१३० सम्पत्तियां हैं, इस जोन पर ३४.५३ करोड़. गांधीबाग जोन में १५१०१ सम्पत्तियां हैं, इस जोन पर ११.१५ करोड़, सतरंजीपुरा जोन में ७५३७३ सम्पत्तियां हैं, इस जोन पर १९.३४ करोड़. लकड़गंज जोन में ७५३७२ सम्पत्तियाँ हैं, इस ज़ोन पर ७०.९९ करोड़, आशीनगर जोन में ५२४८५ सम्पत्तियां हैं, इस जोन पर ६९.२३ करोड़ और मंगलवारी जोन में भी हज़ारों सम्पत्तियाँ हैं इस जोन पर भी ५० करोड़ से अधिक का बकाया है.

कई सम्पत्तियाँ ऐसी भी हैं,जिन्होंने पिछले १०-१५ वर्षो से एक रूपए भी कर नहीं भरा, सम्बंधित अधिकारियों व कर्मियों को पता रहने के बाद भी वसूली मामले में ढिलाई बरती जा रही है. वर्ष २०१९-२० के टार्गेट में सरकारी महकमों पर २०० करोड़ के आसपास बकाया है. शहर के बड़े बड़े बकायेदारों का मामला न्यायालय में प्रलंबित होने के कारण वसूली नहीं हो पा रही है. इनसे वसूली के लिए मनपा के क़ानूनी सलाहकार कमजोर साबित होते जा रहे हैं. उल्लेखनीय यह है कि आगामी विधानसभा चुनाव की वजह से पुनः इस आर्थिक वर्ष में भी संपत्ति कर संकलन दिए गए टार्गेट की आधी ही हो पाएंगी.