नागपुर उपराजधानी नागपुर में एक राजनीतिक परिवार से जुड़ा घरेलू विवाद अब न्यायिक गलियारों तक पहुंच गया है। बहु प्रिया संकेत फूके ने खुद को उत्पीड़न से बचाने के लिए जिला सत्र न्यायालय का रुख किया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस.सी. पठारे की अदालत ने सुनवाई के बाद शर्तों के साथ गिरफ्तारी पूर्व (अग्रिम) जमानत मंजूर कर ली।
उल्लेखनीय है कि प्रिया फूके के खिलाफ उनकी सास रमा फूके ने अंबाझरी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धाराएं 308(2), 329(4), 351(2), 352 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
शिकायत में गंभीर आरोप, पैसे की मांग और धमकी का दावा
पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, रमा फूके अपने पति रमेश फूके के साथ रहती हैं। उनके बेटे संकेत की शादी वर्ष 2012 में प्रिया से हुई थी। 2022 में संकेत का निधन हो गया, जिसके बाद प्रिया अपने दोनों बच्चों के साथ मायके चली गई।
रमा फूके का आरोप है कि प्रिया महीनेवार पैसे की मांग करती थी और न देने पर गाली-गलौज कर धमकी देती थी। 6 मई 2025 को वह उनके घर पहुंची और धमकाते हुए कहा कि पैसे नहीं दिए तो वे बच्चों से नहीं मिल पाएंगे। साथ ही, सोशल मीडिया पर बदनाम करने की धमकी दी।
प्रिया फूके की ओर से कहा गया – झूठे हैं आरोप, ससुरालवालों के खिलाफ पहले ही की थी शिकायत
प्रिया फूके की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कोर्ट में कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और उन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा है। वकील ने यह भी कहा कि एफआईआर से पहले, 6 अप्रैल 2025 को, प्रिया ने ही अपने ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
सरकारी पक्ष की ओर से जमानत का विरोध किया गया, लेकिन दस्तावेजों के अवलोकन के बाद न्यायालय ने यह पाया कि मामला पारिवारिक विवाद से जुड़ा है। फैमिली कोर्ट पहले ही 8 अप्रैल 2025 को रमा फूके व उनके पति को पोते-पोतियों से मिलने की अनुमति दे चुका है।
न्यायालय का संतुलित रुख – महिला की स्थिति, बच्चों की परवरिश को ध्यान में रखकर आदेश
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता प्रिया अपने पति को खो चुकी है और उसके दो छोटे बच्चे हैं। वर्तमान विवाद बच्चों से मिलने को लेकर प्रतीत होता है। ऐसे में गिरफ्तारी की कोई आवश्यकता नहीं दिखती।
इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने प्रिया फूके को गिरफ्तारी पूर्व जमानत मंजूर की और मामले की अगली सुनवाई की दिशा तय की। यह मामला अब पारिवारिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर ध्यान केंद्रित करता नजर आ रहा है।