Published On : Sat, Dec 17th, 2016

कैशलेस प्रणाली को पहले सुरक्षित बनाने का भरोसा दिलाए सरकार : पृथ्वीराज

Advertisement

prithviraj-chavan-1
नागपुर:
कैशलेस होने का नारा लगानेवाली सरकार पहले इस इलेक्ट्रानिक पध्दति के लेन देने में साइबर सुरक्षा को लेकर कितने सुरक्षित हैं सरकार को यह बताना चाहिए। यह बात शनिवार को विधान भवन परिसर में पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हान ने मीडिया से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जिस कम्पनी की मालकियत को लेकर पूरी तरह चित्र स्पष्ट नहीं। पेटीएम कहा की कम्पनी है किस देश की कम्पनी है और उसके मालिक कौन है यह सरकार को पूरी तरह स्पष्ट नहीं। ऐसे में सरकार किसी प्रमाणिक संस्था या विभाग को छोड़ किसी परदेशी कम्पनी के सहारे कैशलेस होने की अपली कैसे कर सकती है। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए।

भारत में अब तक 98 प्रतिशत लेन देन कैश में हो रही है। ऐसे में सरकार ने कैशलेस प्रणाली में तब्दील होने की अपील की थी। लेकिन बाद में लेस कैश कहते हुए थोड़ी बैकफुट पर आई थी। लेकिन हम अगर बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रानिक लेन देन का इस्तेमाल शुरू करते हैं तो फिर सायबर सुरक्षा एक बड़ा प्रश्न हमारे सामने खड़ा हो जाता है। अक्टूबर माह में 36 लाख डेबिट कार्ड हैक कर लिए गए। जो बाद में रद्द कर दिए गए और नए कार्ड जारी कर दिए गए। ऐसे में सरकार को देश में किसी कैशलेस ट्रांजेक्शन करनेवाली कम्पनियों के बारे में पूरी जानकारी रख लेना चाहिए।

हमारी जानकारी के अनुसार पेटीएम को प्रमोट करनेवाली कम्पनी में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी चीनी कम्पनी अलीबाबा की है। साथ ही 22 प्रतिशत निवेश सिंगापुर की एक कम्पनी के हाथों में है। ऐसे में भारत सरकार को ये कम्पनियां किस देश की हैं इसमें किसकी मालकियत है इसकी जानकारी हमें देनी चाहिए। साथ ही इनसे कैश ट्रांजैक्शन कितनी सुरक्षित है यह बताना चाहिए। इसी तरह पीओस (प्वाइंट ऑफ सेल) टर्मिनल मशीनें किस तरह सुरक्षित हैं यह सुनिश्चित करना चाहिए। इसलिए सरकार को कैशलेस प्रणाली में तब्दील होने से पहले यह भरोसा दिलाना चाहिए कि सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन पूरी तरह सुरक्षित हैं या नहीं।