– सजायाफ्ता कैदियों के हुनर का इस्तेमाल कर उन्हें पटरी पर लाने की सफल कोशिश कर रही जेल प्रशासन
नागपुर – समझा जाता है कि कैदी की हुनर का इस्तेमाल उस समय किया जाता है जब वह एक आपराधिक जेल में अपनी सजा काट रहा होता है।
अगर वह बुनकर है, तो वह कपड़ा बनाता है, अगर वह बढ़ई है, तो वह फर्नीचर बनाता है। ऐसे कैदियों द्वारा बनाए गए फर्नीचर से जिला न्यायालय भवन को सजाया जाएगा। जिला एवं सत्र न्यायालय के नए भवन का निर्माण किया गया है और इसमें फर्नीचर राज्य के विभिन्न जेलों के कैदियों द्वारा बनाया गया है.
आरोपी दोषी पाए जाने पर न्यायालय उसे जेल भेजेगी। जेल में विभिन्न अपराधों के लिए सजा काट रहे कैदियों को सुधार का मौका दिया जाता है और उनसे विभिन्न कार्य लिए जाते हैं। ऐसे कैदियों द्वारा बनाए गए फर्नीचर का उपयोग अब न्यायालय में किया जा रहा है।इसका ठेका नागपुर सह अन्य 2 सेंट्रल जेल को दिया गया था।
राज्य सरकार ने जिला न्यायालय के नए भवन में कैदियों द्वारा बनाए गए फर्नीचर का उपयोग करने का निर्णय लिया था। इमारत में बार रूम और कोर्ट भवन कैदियों द्वारा अदालती कार्यवाही के लिए आवश्यक सभी फर्नीचर कैदियों से तैयार करवाया गया था।
नागपुर जिला एवं सत्र न्यायालय के लिए एक नए भवन का निर्माण पिछले कुछ वर्षों से चल रहा है। राज्य सरकार ने शुरुआत में भवन निर्माण के लिए 96 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। इस भवन का निर्माण पूरा हो चुका है। जुलाई के अंत में भवन का उद्घाटन किया जाएगा।
जिला बार असोशिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता कमल सतूजा के अनुसार फर्नीचर को 6 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। अब तक चार मंजिल तक के ईमारत का फर्नीचर प्राप्त हो चुका है और शेष चार मंजिल के फर्नीचर शीघ्र ही प्राप्त हो जाएगा।