Published On : Mon, Feb 24th, 2020

पोल खुलते ही मामला दबाने के लिए मामूली जुर्माना ठोंकने की तैयारी !

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कचरा की बजाय मलवा ढोने वाले दोनों कंपनियों पर 2-2 लाख जुर्माना लगाया जा सकता हैं जबकि पिछले 3 माह में 3-3 करोड़ का चूना लगा चुकी हैं ?

नागपुर – : नागपुर टुडे ने शनिवार को मनपा का कचरा संकलन करने वाले ‘एजी इन्वारो’ और ‘बिवीजी’ के कारनामों को सार्वजनिक किया।उक्त दोनों कंपनियों को रोजाना शहर के तय क्षेत्रों से गिला-सूखा कचरा संकलन कर भांडेवाड़ी में जमा करना था.लेकिन वे कचरों की आड़ में निविदा शर्तों को दरकिनार कर संबंधितों को आकर्षित कर कचरा कम और मिटटी/मलवा आदि ज्यादा उठा रहे थे.यह सिलसिला पिछले ३ माह से जारी हैं.

मामला सार्वजिनक होते ही मनपा प्रशासन ने अपना दामन साफ़ रखने के लिए और उक्त दोनों ठेकेदारों का बचाव करते हुए 2-2 लाख रूपए का मामूली जुर्माना लगाने की तैयारी कर रही हैं.जबकि उक्त दोनों कंपनियों ने प्रत्येक माह लगभग 1-1 करोड़ का चुना लगाने की जानकारी प्राप्त हुई हैं.

याद रहे कि नागपुर शहर की नामचीन अभ्यासु संस्थान के अध्ययन के अनुसार शहर सीमा में रोजाना अधिकतम 800 टन कचरा निकलता लेकिन मनपा प्रशासन ने 1000 टन के आसपास कचरा निकलने की अनुमान दर्शा कर निविदा जारी किया।सर्वप्रथम इसकी सूक्षम जाँच होनी चाहिए,लेकिन फ़िलहाल यह मुमकिन नहीं क्यूंकि नागपुर मनपा में आयुक्त मुंढे का राज हैं और वे ग़ैरकृत पर रोक लगाने के मूड में नहीं हैं.क्या सही मायने में इनकी ‘कथनी और करनी में अंतर हैं ?

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टेंडर में 1000 टन दर्शाने की वजह
पिछले ठेकेदार कनक को दिए गए ठेके में कचरा सह मिटटी,मालवा,निर्माणकार्य का बेकार सामग्री आदि उठाने का समावेश था.कनक कचरा के साथ मिटटी,मलवा रोजाना उठा रही थी,इसलिए रोजाना 1100 से 1200 टन के आसपास का बिल बनता और अंत-अंत तक १४०० रूपए प्रति टन का भुगतान किया जाता रहा.इसी आधार पर नया निविदा तैयार किया गया,लेकिन इसमें सिर्फ कचरा उठाना ही था.और शहर में उक्त संस्थान के अनुसार 800 टन के आसपास का ही कचरा रोजाना निकल रहा.400-400 टन सिर्फ कचरा उठाएंगे तो डूब जायेंगे।

क्यों उठाया जा रहा मलवा और कितना
टेंडर शर्त के हिसाब से कुछ खुद की और कुछ किराये की मशीन व मनुष्य बल जिस कदर तैनात किया गया और उन्हें दिया जाने वाला मासिक भुगतान के हिसाब से कचरा ढोने से सिर्फ ‘दांत गिला हो रहा’.कोई भी कंपनी चाहे प्राइवेट हो या फिर पब्लिक लिमिटेड मुनाफा चाहती ही हैं.इसलिए मनपा प्रशासन में दर्जे के हिसाब से आर्थिक समझौता कर ‘मलवा उठाने’ जैसे अवैध कृत को गैरकानूनी रूप से अंजाम दिया जा रहा.

मनपा के जोनल स्वास्थ्य कार्यालय के मार्फ़त उनके-उनके क्षेत्रों के ट्रांसफर स्टेशन पर आसपास के गैर जरुरत मलवों को जोनल स्वास्थ्य विभाग की मशीन/टिप्पर द्वारा जमा किया जाता।जिसे वर्त्तमान में 5-5 जोन का कचरा संकलन करने वाली एजेंसी ‘एजी’ और ‘बिवीजी’ प्रत्येक ट्रक/टिप्पर में लगभग 3 से 4 टन मलवा भर्ती हैं और फिर ऊपर से जमा कचरा भर कर भांडेवाड़ी पहुँच कांटा करवाकर गिरा देती हैं.कांटा घर पर तैनात मनपा कर्मी के निर्देश का पालन करते हुए प्रति फेरी में ५ टन से ज्यादा मलवा सह कचरा ही भांडेवाड़ी तक लाया जा रहा.

300 रूपए/ट्रक मलवा ख़रीदा जा रहा
कलमना बाजार ( रिंग रोड से लगी खाली प्लॉट ) के समीप कई एकड़ खाली प्लॉट पर हज़ारों टन मलवा पड़ा हुआ हैं.उक्त मलवों को प्रति ट्रक/टिप्पर 300 रूपए अदा कर जेसीबी के माध्यम से ट्रक/टिप्पर में डाल( अधिकतम ३ से ४ टन ) उस पर कचरा से ढंक भांडेवाड़ी पहुँचाया जा रहा.इस हिसाब से प्रति ट्रक/टिप्पर 500 खर्च कर 9500 रूपए कमा रही उक्त ठेकेदार कंपनियां।

रिकॉर्ड तोड़ नेटवर्क हैं ‘एजी’ और ‘बिवीजी’ का
मलवा उठाते किसी ने वक्रदृष्टि डाली/रिकॉर्डिंग की तो ‘अटैक’ करते हैं या फिर नीचे से ऊपर तक सूचना मिनटों में दे दी जाती और मनपा स्वास्थ्य विभाग के मार्फ़त वक्रदृष्टि डाली/रिकॉर्डिंगकरने वालों को रोका जाता हैं.क्यूंकि ‘हमाम में सभी नंगे हैं’ इसलिए गोरखधंधा सतत बेख़ौफ़ जारी हैं.