ऑनलाइन समारोह में हज़ारों माताओं की उपस्थिती
नागपुर : श्री तपोभूमि धर्मतीर्थ, श्री धर्मतीर्थ विकास समिति के तत्वावधान में रविवार को सुबह गर्भवती माता, बहनों के लिए ऑनलाइन गर्भ संस्कार महोत्सव का आयोजन किया था.
रविवार को सुबह रवि पुष्यामृत योग पर इच्छापुरक आदिनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक किया गया. देवी शांतिधारा, चौसठ ऋद्धि सिद्धि गणधर वलय विधान, गर्भवती माताओं द्वारा श्री भैरव पद्मावती की गोद भराई हुई, गर्भ संस्कार हुए. धर्मतीर्थ क्षेत्र के माध्यम से इतिहास में आंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजन हुआ. दिगंबर जैनाचार्य गुप्तिनंदीजी गुरुदेव ससंघ ने मुखारबिंद से मंत्रोच्चार किया. विधि को प्रतिष्ठाचार्य दीपक ‘मधुर’ मुंबई, दीपक उपाध्ये सांगली ने संपन्न किया.
प्रज्ञायोगी आचार्यश्री गुप्तिनंदीजी गुरुदेव ने ससंघ ने कहा ने उदबोधन में कहा गर्भ संस्कार जीवन का मूलभूत संस्कार हैं यही संस्कार इन बच्चों के भविष्य का निर्माण करता हैं यह जीव, जैसी खड़ी हो वैसी इमारत मजबूत बनती हैं. उसी प्रकार गर्भ के संस्कार अच्छे पड़ते हैं.
सभी गर्भस्थ जीवों पर चौसठ और बहत्तर कलाओं के माध्यम से सौभाग्यवृद्धि, विद्यासिद्धि, महालक्ष्मी, ऐश्वयवान, सदाचारी, धर्मात्मा, पुण्यात्मा, महापुरुषों के समान बनने के संस्कार हुए हैं. आनेवाला का भी संस्कार चक्रवर्ती, तीर्थंकर के जैसे पद को पाता हैं. नारायण कृष्ण, श्रीराम आदि आदि, छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप जैसे वीर प्रतापी पुत्र और संतान उत्पन्न होती हैं. इस हेतु यह संस्कार आज किये हैं. यह गर्भ संस्कार परमात्मा बनने तक हो जाएंगे. जिन माता बहनों ने यह संस्कार कराया हैं तब तक ब्रह्मचर्य का पालन करना हैं ऐसा नियम दिया गया हैं और माताओं को गर्भवती अवस्था में लिपिस्टिक, नेलपेंट का त्याग कराया हैं. पुरुषों के लिए बीड़ी, सिगरेट, शराब का त्याग कराया हैं. सभी ने नियम लिया और उसकी बहुत प्रशंसा की.