नागपुर– मध्यप्रदेश के इंदौर में वात्सल्य ग्रुप के सीएमडी प्रफुल्ल गाडगे को लेकर इंदौर और नागपुर में खबरे प्रकाशित की गई है. जिसमें उनपर बिना जांच किए ही आरोप लगाए गए है की उन्होंने 500 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है. उनका कहना है की इस खबर में किसी भी तरह की कोई भी सच्चाई नहीं है.
प्रफुल्ल गाडगे ने अपनी बात रखते हुए जानकारी देते हुए बताया की जिन लोगों ने इंदौर में उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है. उसमे से कुछ ग्राहक उनसे लिए गए प्लॉट के बदले चार गुना ज्यादा पैसा मांग रहे है, जबकि इनमे से कुछ ग्राहकों को वे पैसा दे भी चुके है. उन्होंने बताया की जो ग्राहक पैसा मांग रहे है उन्हें वे बैंक के हिसाब से 8 प्रतिशत ब्याज समेत उनका पैसा लौटाने की भी मंशा उन्होंने जताई थी. गाडगे के पास इन ग्राहकों को पैसे देने के पुरे कागजात मौजूद है.
उन्होंने कहा की जानभूझकर इंदौर के कुछ प्लॉटधारक उन्हें बदनाम करने के लिए इस तरह का काम कर रहे है. उन्होंने कहा की जिन्होंने भी शिकायत दर्ज की है. सभी को प्लॉट दिए जा चुके थे. इनमे से कुछ ग्राहकों को डीडी भी भेजे गए थे. उन्होंने बताया की जिन शिकायतकर्ताओ के नाम समाचार पत्र में आए है. शिकायकर्ता वैभव नीमा का 4 लाख 88 हजार रुपए था. उनको 2 लाख रुपए का डीडी बनाकर भेजा गया था. राजेंद्र पाटीदार का प्लॉट में उन्होंने 9 लाख 36 हजार रुपए भरे थे. उन्हें 6 लाख रुपए का डीडी बनाकर भेजा गया था.
सुनील पांडे का प्लॉट चेंज करके दिया है और उनका सेटेलमेंट हो चूका है. अरुण कुमार सराफ का 7 लाख 80 हजार रुपए है. गाडगे ने बताया की इनमे से 4 ग्राहकों का व्यवहार क्लियर है. उन्होंने बताया की इस एक महीने में ही उन्होंने ग्राहकों को लगभग 1 करोड़ रूपया दिया है. उन्होंने बताया की डीडी भेजने के बाद भी इनमे से कुछ ग्राहकों ने डीडी नहीं लिया और वे ज्यादा रकम की मांग करने लगे.गाडगे ने कहा की अगर इन सभी ग्राहकों की माने तो यह व्यवहार लाखों का है. लेकिन इसमें 500 करोड़ रुपए की बात समझ से परे है.
उन्होंने बताया की पहले 12 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की खबर इंदौर में प्रकाशित हुई थी. जिसके बाद अब 500 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की खबर प्रकाशित हुई है. जिसका कोई भी औचित्य नहीं है और 500 करोड़ और 12 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आकड़ा और यह पूरा मामला पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठा है.
उन्होंने बताया की खबर में उल्लेख किया गया है की रेरा को उन्होंने चेक दिया है, जबकि रेरा को उन्होंने कभी भी चेक नहीं दिया है, उन्हें डीडी दिया गया है. उन्होंने इसमें शामिल ग्राहकों को साजिश के तहत बदनाम करने की बात भी स्वीकारी है. उन्होंने कहा की इस मामले में वे कोर्ट भी जाएंगे.
