Published On : Sat, Sep 24th, 2016

आंदोलन से नहीं मिलती सफलता, विदर्भ राज्य के लिए राजनीति ही एकमात्र माध्यम : अणे

shrihari aney

नागपुर: राज्य के पूर्व महाधिवक्ता श्रीहरी अणे द्वारा स्थापित विदर्भ राज्य आघाडी के एक दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन का शनिवार को नागपुर में आयोजन हुआ। इस सम्मेलन में विदर्भ भर से पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता नागपुर पहुँचे। इस सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में श्रीहरी अणे ने कहाँ कि कोई भी चीज सिर्फ आंदोलन से हासिल नहीं की जा सकती। आंदोलन जब तक राजनितिक ताकत के रूप में तैयार नहीं होता तब तक कोई आंदोलन भी शामिल नहीं हो सकता। यही हाल विदर्भ के साथ भी है अपने भाषण में अणे ने आज की भारतीय जनता पार्टी और पूर्व की जनसंघ का उदहारण देते हुए बताया की दो सांसदों से खड़ी हुई पार्टी आज लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल कर 282 सांसदों की पार्टी है। हमें बड़ा लक्ष्य सुनिश्चित कर मैदान में उतारना है। सिर्फ आंदोलन के माध्यम से विदर्भ हासिल नहीं होगा इसके लिए राजनीति ही एकमात्र पर्याय है। आने वाले दौर में स्थानिक निकाय चुनावों में बड़ी कामियाबी हासिल करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। हम खुद अपनी ताकत का निर्माण कर सकते है ताकि फिर हमें अपना हक़ हासिल करने के लिए किसी दल पर निर्भर नहीं होना पड़े।

उन्होंने कहाँ कि जनता के बीच जाकर हमें विदर्भ क्यों चाहिए ये बताना होगा। किसान आत्महत्या रोकने ,प्राकृतिक संसाधनों को बचाने, आदिवासी समाज को विकसित करने के लिए हमें अलग राज्य चाहिए ये हमें जनता को बताना होगा। आज यहाँ के युवा पढाई और काम की तलाश में मुंबई, पुणे जैसे शहरो में भटकते है पर अगली पीढ़ी को उसकी आवश्यकता उसके अपने क्षेत्र में उपलब्ध हो इसलिए हमें विदर्भ चाहिए। वर्तमान में राज्य की सरकार ने या इससे पहले की सरकारो के लिए विदर्भ कभी विकास के एजेंडे में है ही नहीं शिक्षा, बरोजगारी, स्थानीय लोगो को सक्षम बनाने के लिए हमें विदर्भ चाहिए यह हमारा ध्येय होना चाहिए। आज कोई राजनितिक दल विदर्भ देने को तैयार नहीं दिखता इसलिए हमें खुद पार्टी बनानी पड़ी। पार्टी की स्थापना के लिए मौजूद वक्त से उपयुक्त कोई समय नहीं था।

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अपने भाषण में अणे ने विदर्भ के साथ सत्ता द्वारा किये गए अन्याय का तर्क भी कार्यकर्ताओं के सामने रखा। साथ ही इस सम्मेलन में भाग लेने पहुँचने वाले कार्यकर्ताओं को अन्याय के तथ्यों को दर्शाने वाले पॉम्पलेट का भी वितरण किया गया।

मराठा समाज के आरक्षण की माँग जायज पर एट्रोसिटी को रद्द करने की बजाय सुधार की हो बात
श्रीहरी अणे ने राज्य भर में शुरू मराठा आंदोलन का समर्थन किया है। अणे ने समाज की आरक्षण की माँग को जायज करार दिया पर इसी के साथ की जा रही एट्रोसिटी एक्ट को ख़त्म करने की माँग का विरोध किया। अणे ने कहाँ कि समाज के विकास के लिए आरक्षण की माँग जायज है पर एट्रोसिटी एक्ट का निर्माण एसटी – एनटी समुदाय की रक्षा के लिए बनाया गया है जिसे बदस्तूर जारी रखा जाना चाहिए। हालांकि इसमें संशोधन बदलाव किया जा सकता है। अगर ऐसा माना जाये की कानून का इस्तेमाल वसूली के लिए किया जा रहा है तो ऐसा नहीं होना चाहिए पर इस समस्या का निराकरण कानून को रद्द करने से नहीं निकाला जा सकता। यह कानून जिनके संरक्षण के लिए बनाया गया है वह जायज है इसमें बदलाव किये जा सकते है।

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