Published On : Mon, Nov 15th, 2021

सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री मामले की जाँच के लिए PMO ने RDC को दिया निर्देश

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– उक्त प्रकरण की लगातार शिकायत जिलाधिकारियों से की जा रही थी,जब उनके कानों पर जूं नहीं रेंगा तो इस मामले को PMO के ध्यान में लाया गया फिर उन्होंने 20 अक्टूबर को आगे की ठोस कार्रवाई के लिए प्रेषित की

नागपुर : उमरेड तहसील अंतर्गत मौजापीटीचुवा के खसरा क्रमांक ६, ८, १२,३१, ३२,३३,३५, ३६,३९,४२,४२, ४४,३८,४३,४५,४८, ४६,६३,४६,४७, ४९,७९,६४,६५, ६६,७४, ८२,८९,९३,८४/१,८४/२,८४/३,८४/४,८७,९४,१०८,११२,११३,१५५,११६,१२१,व १२९ अंतर्गत वर्ग-२ में शामिल भूखंड कीखरीदी-बिक्री में हुई धांधली पर पिछले दिनों पूर्व जिलाधिकारी रविंद्र ठाकरे और वर्त्तमान जिलाधिकारी का ध्यानाकर्षण करवाया गया और उच्च स्तरीय उच्च स्तरीय जाँच करने मांग की गई.जिस पर आजतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.जिला प्रशासन की उक्त मामले को गंभीरता से नहीं लेने पर PMO में लिखित शिकायत की गई.PMO से मेल द्वारा 20 अक्टूबर 2021 को मिली जानकारी के अनुसार उक्त मामले पर आगे की ठोस कार्रवाई के लिए नागपुर जिले के जिलाधिकारी के नाम व RDC रविंद्र खजांजी को निर्देश दिया गया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार मौजा पीटीचुवा के खसरा क्रमांक ६,८,१२,३१,३२,३३,३५,३६,३९,४२,४२,४४,३८,४३,४५,४८,४६,६३,४६,४७,४९,७९,६४,६५,६६,७४,८२,८९,९३,८४/१,८४/२,८४/३,८४/४,८७,९४,१०८,११२,११३,१५५,११६,१२१,व १२९ के भूखंड की खरीदी-बिक्री में उमरेड तहसील के सम्बंधित पटवारी द्वारा बगैर जाँच के ७/१२ पर मेसर्स एमके हाउसरियल एस्टेट के माणिकराव दयारामजी वैद्य के नाम पर चढ़ाया गया.दूसरी ओर कार्यालयीनरिकॉर्ड से इस बाबत खरीदी-बिक्री के दस्तावेज जानबूझकर गायब कर दिया गया हैं.तहसीलउमरेड द्वारा पारित आदेश दिनांक १२-१२-२००८ के बाद भी उक्त भूखंडों कीखरीदी-बिक्री मेसर्स एमके हाउस रियल एस्टेट ( माणिकरावदयाराम वैद्य की मृत्यु बाद ) के जिम्मेदार प्रतिनिधि द्वारा आज भी हैं जो कि पूर्णतः अवैध व सरकारी आदेश की पूर्ण अवमाननादर्शित करती हैं.उक्त मामले की उच्च अधिकारी मार्फ़त सूक्ष्म जाँच कर संबंधितों पर कानून में प्रावधानसजा/जुर्माना कर प्रभावितों को न्याय देने की विनंती की गई.इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ठाकरे को अधिवक्ता पत्र,निवासी उपजिलाधिकारी को तहसीलदार,उमरेड द्वारा लिखा गया पत्र,रेवेन्यू अपील क्रमांक ४७/आरटीएस/५९/२०१२,राजस्व अपीलक्रमांक १४/आरटीएस-५९/२००९-१० में दिनांक ३०-११-२०११ को पारित आदेश ,राजस्व अपील क्रमांक १४/आरटीएस-५९/२००८-९ में तहसीलदार,उमरेड द्वारा दिनांक १२-१२-२००८ को पारित आदेश की प्रत दी गई.उल्लेखनीय यह हैं कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में दिए गए उक्त प्रकरण पर आज तक कोई ठोस जवाब जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा नहीं दिया गया.

उल्लेखनीय यह हैं कि 17 फरवरी 2020 तक कोई कार्रवाई नहीं की,नियमित FOLLOW UP के बाद 18 फरवरी 2020 की सुबह जिलाधिकारी का संदेशा आया कि उमरेड के SDO को जाँच का निर्देश दिए.इसके बाद भी महीनों बीत जाने बाद जब कोई ठोस जवाब नहीं आया तो पुनः जिलाधिकारी से संपर्क किया गया और जिलाधिकारी ने तुरंत मुलाकात करने का निर्देश दिया।तब उन्होंने फिर से निवेदन लाने का निर्देश दिया,आनन्-फानन में उक्त निवेदन लेकर जिलाधिकारी से मुलाकात की तो तब उन्होंने SDO को निवेदन सह दस्तावेज भेज जाँच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।उक्त निर्देश दिए आज पुनः कई माह बीत गए,नियमित संपर्क के बाद पिछले सप्ताह जिलाधिकारी ने जवाब दिया कि जाँच शुरू हैं ,ऐसा लग रहा कि टालमटोल शुरू हैं,सम्बंधित दोषियों को बचने का अवसर दिया जा रहा.

PMO के सख्त निर्देश के बावजूद आजतक न जिलाधिकारी ने और न ही RDC ने जाँच शुरू की,नतीजा दोषियों के मध्य अवैध खरीद-फरोत संबंधी व्यवहार हो रहा.इस सम्बन्ध में जल्द ही एक शिष्टमंडल जिलाधिकारी से मुलाकात कर उनका ध्यानाकर्षण करवाकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग के साथ सरकारी संपत्ति पर पुनः जिला प्रशासन का कब्ज़ा की मांग दोहराएगा।गर नहीं माने तो अंत में न्यायालय की शरण में जाकर अपनी जनहित मांग को दोहराएंगे।