Published On : Mon, Nov 26th, 2018

प्रधान मंत्री का झूठ,मीडिया का झूठ!

Advertisement

प्रधान मंत्री सहित चुनावी जंग में आक्रमक भाषण देने वाले नेताओं की तो छोडिए ,ये मीडिया को क्या हो गया है?इतनी गलतबयानी?झूठ का ऐसा आपराधिक प्रचार?

इस बार पूर्व केंद्रीय मंत्री,कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता विलास मुत्तेमवार निशाने पर!

मीडिया में रपट आई,और खूब आई कि मुत्तेमवार ने राजस्थान मे बाड़मेर के सिवाना में एक आम सभा में प्रधानमंत्री मोदी पर प्रहार करते हुए कहा कि,”प्रधानमंत्री बनने से पहले आपके(मोदी के) पिता को जानता कौन था?अब भी आपके पिता का नाम कोई नहीं जानता,लेकिन हर कोई राहुल गांधी के पिता का नाम जानता है …..!”

गलत,सरासर गलत!वितंडावाद का आपराधिक नमूना।
अव्वल तो विलास मुत्तेमवार ने किसी आम सभा में ये बात नहीं कही।रिपिट कर रहा हूँ ,किसी आम सभा ये बात नहीं कही ।वे वहाँ स्थानीय कांग्रेस के नेताओं को बंद कमरे में संबोधित कर रहे थे।वायरल वीडियो देख लें ।साफ-साफ दिख रहा है कि 15-20लोग जमीन पर बैठे हुए हैं जिन्हें मुत्तेमवार खड़े हो कर संबोधित कर रहे हैं ।आम सभा कहाँ से आ गई?फिर,ऐसी गलत रिपोर्टिंग?

दूसरे,मुत्तेवार ने किस संदर्भ में मोदी जी के पिता जी का उल्लेख किया?वे प्रधान मंत्री मोदी द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व उनके परिवार पर लगातार किये हमले का जवाब दे रहे थे ।वे उपस्थित कांग्रेसी नेताओं को बता रहे थे कि स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में अमूल्य-अतुलनीय,योगदान और कुर्बानियों के कारण कैसे देश के लोग राहुल गांधी की चार पीढ़ियों को नाम से जानते हैं ।इसी संदर्भ में मुत्तेमवार ने टिप्पणी की कि मोदी के प्रधान मंत्री बनने के पहले उनके पिता जी का नाम कौन जानता था?अर्थात्,स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में इनका कोई योगदान नहीं था ।

लेकिन,कतिपय विघ्नसंतोषियों ने मुत्तेमवार के शब्दों का ऐसा आंशिक प्रचार-प्रसार किया,संपादित वीडियो वायरल किया कि स्वयं प्रधान मंत्री मोदी बिफर पड़े कि कांग्रेसी अब मेरे मृत पिता को राजनीति में घसीट रहे हैं ।

जबकि,मुत्तेमवार ने ऐसा कुछ नहीं कहा ।बल्कि,उन्होंने तो यहाँ तक कहा था कि मेरे पिता जी राजनीति में नहीं थे,माता जी राजनीति में नहीं थीं,उन्हें कोई नहीं जानता ।

लेकिन,पूरे देश को बौद्धिक रुप से ‘दारिद्र्य झुंड’ बनाने को तत्पर,बल्कि इस कुकृत्य के लिए सुपारी लिए बैठा कतिपय राजनेताओं-मीडियाकर्मियों का विघ्नसंतोषी झुंड सच को माने तो क्यों मानें ?

मिथ्या-प्रसार इनका धर्म जो बन गया है!!