Published On : Sun, Jun 25th, 2017

‘भाग्यशाली’ हैं, ‘एम्प्रेस सिटी’ के निवासी, क्योंकि ये पीतें हैं ऐसा पानी जो नहीं है नहाने के भी काबिल

Advertisement

नागपुर – एम्प्रेस सिटी फ्लैट मालिकों द्वारा इस गुरुवार को बुलाई गयी पत्र परिषद में बिल्डर के प्रतिनिधि श्री. वाघमारे को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन इसके उपरांत भी निम्न तथ्य जस के तस हैं. जरा पढ़िए तो….

आलिशान एम्प्रेस सोसाइटी में अब तक पानी का कोई कनेक्शन नहीं दिया गया है. यहाँ रहने वाले 60- 70 परिवारों का पानी का एकमात्र स्त्रोत है एक गन्दा पानी का कुंआ. इस कुंए में गांधीसागर लेक के दूषित पानी का रिसाव होता है. इस लेक में हर साल गणपति विसर्जन किया जाता है. इमारत के निर्माणकार्य में लगने वाला मटेरियल भी इसमें आ गिरता है.

असोसिएशन के अध्यक्ष पवन जैन के मुताबिक, इस कुंए की टीडीएस मात्रा करीब 900 तक जाती है. मानकों के अनुसार ये 100 से कम और 600 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाईजेशन के मुताबिक आर.ओ.से प्रोसेस्ड पानी 500 पीपीएम से ज्यादा नहीं होना चाहिए, जबकी 75 पीपीएम आदर्श हैं. लेकिन यंहा के पानी में तो आर.ओ. भी काम नहीं करता.

Gold Rate
Tuesday 25 March 2025
Gold 24 KT 87,900 /-
Gold 22 KT 81,700 /-
Silver / Kg 98,200 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

ये समस्या इस पानी में लिप्त पदार्थों की संख्या से ज्यादा उनके घटिया दर्जे की वजह से है. इसपर सहमति जताते हुए बिल्डर के प्रतिनिधि ने कहा है की, जल्दही निवासियों के लिए एक नए कुंए का निर्माण किया जायेगा.

पत्रकारों की उपस्थिति में जब वाघमारे से पूछा गया की क्या वो इस नए कुंए का पानी पिएंगे, तो उन्होंने तड़के जवाब दिया की भला मुझे इसकी क्या जरुरत ?, जब की मेरे कर्मचारी मुझे पिने के लिए ‘बिसलेरी कैन्स’ भेजते हैं.

यह एक विरोधाभास है की, नागपुर सिटी में सभी नागरिकों को 24*7 स्वच्छ पिने का पानी उपलब्ध है, लेकिन एक एम्प्रेस सिटी ही है जहां फ्लैट में न्यूनतम 1 करोड़ की राशि इन्वेस्ट करने के बावजूद निवासियों को एनएमसी का पानी या शुद्ध पानी का कोई और स्त्रोत उपलब्ध नहीं है.

जैन के मुताबिक, यह पानी तो नहाने और दातुन करने के भी लायक नहीं है. हम में से ज्यादा तर लोग त्वचा रोग एवं बाल झड़ना आदि समस्याओं से ग्रस्त हैं. जब फ्लैट मालिक पानी कनेक्शन के लिए एनएमसी में गए तो कहा गया की, पहले पानी का बकाया बिल चुकता करें तभी आपको पानी मुहैय्या कराया जायेगा. 50 करोड़ का पानी बिल बकाया होने की भी जानकारी उन्होंने दी.

किसी भी बिल्डर पर इतना ज्यादा पानी बिल बकाया कैसे हो सकता है ? ये एक गहन सवाल है. वैसे यह बिल उस पानी का है, जो एम्प्रेस मॉल बिल्डिंग एवं फ्लैटस के निर्माण में इस्तेमाल किया गया.

बिल्डर, निवासी और एनएमसी के बिच यह मसला हल होगा तब होगा, लेकिन लोगों को का क्या ?, वो तो इस सबमें बेकार ही पीस रहें हैं.

पता नहीं, यह सब चलन एनएमसी के चालक, आरोग्य अधिकारी एवं नगर संचालन विभाग के लिए दुरुस्त कैसे है ?, जब की वो तो शहर को एक “स्मार्ट सिटी” में तब्दील करना चाहतें हैं.

कुछ भी हो, लेकिन यह सवाल हम नहीं पूछ सकते…बस.!

…. सुनीता मुदलियार, कार्यकारी संपादक

Advertisement
Advertisement