27 अक्टूबर 2018 को तय किया एक नया मील का पत्थर
नागपुर : पर्सिस्टेंट सिस्टम्स के नागपुर डेवलपमेंट सेंटर ने 27 अक्टूबर 2018 को अगली पीढ़ी के सॉफ्टवेयर विकास के क्षेत्र में 15 वर्षों का व्यावसायिक कामकाज पूरा किया. करीब 1200 कर्मचारियों की बढ़ती ताकत के साथ नागपुर डेवलपमेंट सेंटर पुणे स्थित मुख्यालय के बाद पर्सिस्टेंट सिस्टम्स का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र है. सॉफ्टवेयर और तकनीक विकास के लिए कंपनी के निरंतर और फोकस्ड काम में इस केंद्र के योगदान का उल्लेखनीय रणनीतिक महत्व है.
नागपुर में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास के क्षेत्र में पर्सिस्टेंट फाउंडेशन का सीएसआर योगदान भी मायने रखता है. ‘जलयुक्त शिवार योजना’ के माध्यम से गंभीर सूखे से उबरने के महाराष्ट्र सरकार के मिशन में यह निरंतर सहयोग दे रहा है .
नागपुर में सफलतापूर्वक 15 वर्ष पूर्ण करने पर कंपनी गौरवान्वित है और नागपुर के लोगों की स्वीकार्यता तथा समर्थन और केंद्र के कर्मचारियों के योगदान के लिए आभार व्यक्त करती है. उन्होंने अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर उत्पादों और समाधानों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भारत व वैश्विक स्तर दोनों पर तकनीकी इकोसिस्टम में कंपनी के कदमों के विस्तार में लगातार मददगार रहे हैं.
कंपनी ने नागपुर डेवलपमेंट सेंटर में एक सप्ताह तक चलने वाले समारोह के साथ इस खास अवसर का जश्न मनाया. साथ ही उसने 27 अक्टूबर 2018 को एक विशेष आयोजन करते हुए सरकारी-उद्योग-अकादमिक जगत को आमंत्रित किया.
उद्धरण:
डॉ. आनंद देशपांडे, चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स
“15 वर्ष पूर्ण होना हमारे लिए अत्यंत खुशी की बात है और हम नागपुर में अपनी उपस्थिति को लेकर गौरवान्वित है. इन वर्षों के दौरान नागपुर डेवलपमेंट सेंटर ने कुछ प्रमुख तकनीकी परियोजनाओं का बीड़ा उठाया, जिन्होंने कंपनी के विकास में काफी योगदान दिया है और लगातार ऐसा कर रही हैं. मैं व्यवसायों को सॉफ्टवेयर संचालित बनने में मदद देने वाले पर्सिस्टेंट सिस्टम्स के सफर में समर्थन और योगदान के लिए नागपुर के लोगों और हमारे कर्मचारियों को धन्यवाद देना चाहता हूं.”
समीर बेंद्रे, चीफ पीपुल ऑफिसर, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स
“हमने नागपुर में 15 साल पूरे कर लिए हैं और यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। 2003 में स्थापित पर्सिस्टेंट सिस्टम्स का नागपुर डेवलपमेंट सेंटर विदर्भ क्षेत्र में कायम होने वाली आरंभिक सूचीबद्ध तकनीकी कंपनियों में से एक था। जैसा कि हम डिजिटल इंडिया की शुरुआत के साथ देश में एक बड़ा बदलाव देख रहे हैं, हम पेशेवरों का कौशल विकास जारी रखेंगे, ताकि वे भविष्य के लिए तैयार हो सकें। हम पर्सिस्टेंट नागपुर के प्रति सरकार और अकादमिक संस्थानों के व्यापक सहयोग और हमारे कर्मचारियों के योगदान के लिए आभारी हैं।”