मुंबई: करीब 18 साल बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक ही मंच पर नजर आने वाले हैं। इस ऐतिहासिक क्षण की पृष्ठभूमि में मुंबई के वरळी डोम परिसर में जोरदार बैनरबाजी शुरू हो गई है, जिसने पूरे शहर का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।
इन बैनरों में मराठी अस्मिता का भाव साफ झलक रहा है। कई बैनरों पर राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे और बालासाहेब ठाकरे की एकसाथ तस्वीरें दिखाई दे रही हैं। हैरानी की बात यह है कि इनमें किसी भी राजनीतिक पार्टी का नाम या चिन्ह नहीं है, लेकिन संदेश बेहद तीखा और स्पष्ट है।
एक बैनर पर लिखा है –
“जो मराठी लोग गलत रिक्शा पकड़कर नागपुर चले गए हैं, वे वापस मुंबई आ जाएं ठाकरे बंधुओं के पास; नहीं तो हमेशा के लिए गुजरात पहुंच जाएंगे।”
यह पंक्ति इस समय सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रही है।
एक अन्य बैनर पर लिखा गया है –
“सभा के बाद आदेश दीजिए, महाराष्ट्रद्रोही लोगों को सीधा करना है।”
इसके अलावा, बैनरों में कई जोरदार नारे भी लिखे गए हैं जैसे –
- “आवाज़ मराठी का – अपने मराठी जनों का हार्दिक स्वागत”
- “मराठी एकजुटता की जीत हो”
- “महाराष्ट्र में मराठी और मराठी के लिए केवल ठाकरे!”
इस बैनरबाजी ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित राजनीतिक गठबंधन की चर्चाओं को नई ऊर्जा दी है। यह स्पष्ट हो रहा है कि यह सभा सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि मराठी अस्मिता और एकता का प्रतीक बनने जा रही है।
इस तरह के बैनर न केवल मराठी जनमानस की भावनाओं को दर्शा रहे हैं बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़े बदलाव की आहट भी दे रहे हैं।