
अपने फैसले के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘मोर में भी अपना गुण होता है। वह आजीवन अविवाहित रहता है। वह मोरनी के साथ समागम नहीं करता। मोरनी मोर के आंसुओं से गर्भवती होती है। तब एक मोर या मोरनी का जन्म होता है…भगवान कृष्ण ने पक्षियों के ब्रह्मचर्य के लिये मोर के पंख का इस्तेमाल किया था।’’ राष्ट्रीय पशु के दर्जे पर अपने फैसले के बारे में और जानकारी देते हुये न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा, ‘‘कानून का उदय धर्म से हुआ है। धर्म कानून से नहीं आया है।’’ मोर पर जस्टिस शर्मा के इस अजीबो-गरीब बयान की ट्विटर पर खूब खिल्लिया उड़ी। टीवी चैनल में जब इंटरव्यू के दौरान जब उन्होंने मोर के सेक्स को लेकर अपने विचार चैनल पर बताए तो न्यूज एंकर राहुल कंवल अपनी हंसी तक नहीं रोक नहीं पाए।
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Justice Mahesh Chand Sharma explains how peahens get pregnant without having any sex.
pic.twitter.com/dOk7ymsCws— Devendra Meel (@Devendra_Meel) May 31, 2017









