Published On : Fri, Feb 7th, 2020

फुटपाथ दुकानदारों ने मांगी “जितनी जगह कार की उतनी जगह हॉकर की”

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– फुटपाथ दुकानदारों ने मा. निगम आयुक्त से पूछा कानून क्यों लागू नहीं किया जा रहा है?

नागपुर– “फुटपाथ दुकानदारों के खिलाफ की जा रही गैर कानूनी कार्यवाही रोका जाय – रोका जाय”, “फुटपाथ दुकानदारों का कानून, 2014 को लागू करो – लागु करो”, “फुटपाथ दुकानदारों को उजाड़ना बंद करो – बंद करो”, “न्यायालय को गुमराह करना बंद करो – बंद करो”, “कारों की दलाली करना बंद करो – बंद करो”, “जितनी जगह कार की उतनी जगह हॉकर की” आदि नारे लगते हुए आज सोमवार दिनांक १३ जनवरी २०२० को शहर के फुटपाथ दुकानदारों ने निकला मोर्चा. मोर्चे का आह्वान नागपुर जिल्ला पथ विक्रेता (हॉकर) संघ, साप्ताहिक बाजार पथ विक्रेता संघ एवं नेशनल हॉकर्स फेडरेशन ने संयुक्त रूप इस किया! मोर्चा का नेतृत्व कामगार नेता भाई जम्मू आनंद ने किया! मोर्चे कॉटन मार्किट चौक से निकला और लोहा पूल, बर्डी मेन रोड, वैरायटी चौक, टी पाईंट, जीरो माईल होते हुए संविधान चौक पहुंचा.

मोर्चे के उपरांत फुटपाथ दुकानदारों का एक शिष्टमंडल मा. महापौर श्री. संदीप जोशी से मिला एवं फुटपाथ दुकानदारों के खिलाफ की जा रही गैर कानूनी कार्यवाही को रोकने की मांग की गई. निवेदन के माध्यम से ये जानने की कोशिश की गई की आखिर क्या बात है की पथ विक्रेता (उपजीविका सरंक्षण व पथ विक्रय विनियमन) कानून 2014 नागपुर महानगर पालिका लागू क्यों नहीं कर रही है? प्रतिनिधि मंडल में भाई आनंद के अलावा सर्वश्री शिरीष फुलझले, पंजू तोतवानी, कविता धीर, विज्जु पठान, गुड्डू शाहू, मुश्ताक अहमद, सतीश भेंडे, लालू लिल्हारे, शहनाज़ बी, राजेश बिजेकर, कल्पना दुपारे, ममता ढेंगे, का समावेश था!

मोर्चे को सम्बोधित करते हुए भाई आनंद ने कहा की अतिक्रमण के आड़ में शहर के मुट्ठीभर लोगों के कार पार्किंग हो सके इसलिए फुटपाथ दुकानदारों को उजाड़ा जा रहा है. भाई आनंद ने अफ़सोस जाते की जिस देश में एक फुटपाथ दूकानदार प्रधानमंत्री बन सकता है उस देश में फुटपाथ दुकानदारों को उजड़ा जा रहा है. भाई आनंद ने कहा की फुटपाथ दुकानदार अतिक्रमणकारी नहीं है बल्कि आम नागरिको को उनके जीवन आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कर एक प्रकार की सेवा प्रधान करता है. अतः उसे कानून ने सरंक्षण दिया है. भाई आनंद ने आगे कहा की नव नियुक्त निगम आयुक्त शहरी गरीबों में दहशत निर्माण कर कानून का उल्लंघन नहीं कर सकते.

मोर्चे को सफल बनाने हेतु सुरेश गौर, हेमंत पाटमासे, कविता धीर, नरेंद्र पूरी, संजय वर्मा, महेश सुमाटे, इमरान शैख़, शेखर वर्मा, शारदा वानखेड़े, कल्पना दुपारे व का समावेश था! नियाज़ पठान, मुस्ताक खान, अरविन्द डोंगरे, नरेंद्र पूरी, संजय वर्मा, महेश सुमाटे, गोपाल गिरी, विजय वानखेड़े, शुभम पानतावणे, जगदीश गावंडे, प्रशांत मकोड़े, गोविंदा कुम्भारे, प्रफुल्ल मेश्राम, इमरान शैख़ ललिता पटेल, नंदा जांभुळे, सुशीला वैद्य, रेखा पीरुतकर, पार्वती मेश्राम धनराज निमजे, प्रकाश कावले, रोशन मस्के, प्रकाश कलम्बे, राधेश्याम कलम्बे, मकसूद अहमद, प्रकाश गौर, नंदू जैस्वाल, अब्दुल सलीम, शैख़ नितिन देवरे, अब्दुल वाहिद (पप्पू), ईज्जु पठान, महेश मानकर, व बाबू खान ने अथक प्रयास किया.