Published On : Sat, Jul 10th, 2021

कोराडी पावर प्लांट के मुख्य अभियंता पाटील का मुंबई तबादला

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नागपुर – महानिर्मिती 660 × 3 मेगावाट उत्पादन क्षमता के कोराडी पावर प्लांट के मुख्य अभियंता राजेश पाटील का मुंबई मुख्यालय मे तबादला कर दिया गया है। उनके रिक्त स्थान मे खापरखेडा थर्मल पावर प्लांट के मुख्य् अभियंता राजू घुगे ने प्रभारी बतौर पदसूत्र संभाल लिया है। हालही महानिर्मिती के धुरंधर मुख्य अभियंता राजेश पाटील द्वारा राजनैतिक दबाव फलस्वरूप अनियमितता और दूरदर्शिता के सबंध मे मामला प्रकाशित हुआ था।

बताते हैं कि महानिर्मिती के प्रबन्ध निदेशक खंडारे मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्य अभियंता पाटील का मुंबई मुख्यालय में तबादला करना बेहतर समझा।हालांकि मुख्य अभियंता पाटील का तबादला रुकवाने के लिए राजनैतिक गलियारों से बहुतेक प्रयास किये गये थे ? परंतु प्रशासकीय स्तर पर की गई कार्यवाई से कोराडी विधुत प्रशासन ने विधुत मुख्यालय का इस सबंध मे आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया है।

इस पावर प्लांट मे व्याप्त चर्चाओं के मुताबिक पिछले 4-5 सालों के अपने कार्यकाल में कर्तव्यनिष्ठ मुख्य अभियंता राजेश पाटील ने विधुत मुख्यालय को परे रखकर उर्जा मंत्रालय को खुश करने मे जरा सी भी कसर नही छोड़ी है। बताते है कि राजनेताओं को आर्थिक फायदा पंहुचाने के मद्देनजर उनकी चहेती फर्म के पक्ष मे निविदा नियम और शर्तें तैयार करने,उर्जा मंत्रालय की जी हुजूरी करने।इतना ही नहीं राजनेताओं की कंपनियों को अधिक से अधिक आर्थिक लाभ पंहुचाने में जरा सी भी कसर नहीं छोड़ी है।

महानिर्मिती विशेषज्ञों की माने तो चार साल पूर्व सुनियोजित तरीके से तत्कालीन अभियंता राजेश पाटील को एक फार्मूले के तहत कार्यपालन अभियंता से अधीक्षक अभियंता एवं अधीक्षक से सीधे मुख्य अभियंता पद पर आसीन करवा दिया गया है। यदि इस मामले की जांच-पड़ताल की गई तो मुख्य अभियंता राजेश पाटील सहित उनकी चहेती बड़ी बडी राजनैतिक हस्तियों को मध्यवर्ती काराग्रह मे चक्की पीसना पड सकता है,हालांकि सावनेर क्षेत्र के तत्कालीन विधायक सुनिल केदार जो वर्तमान परिवेश में कैबिनेट मंत्री है ने विधान सभा चुनाव के पूर्व स्पष्ट किया था कि यदि महाराष्ट्र राज्य कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी तो इस प्रकरण में लिप्त सबंधित नेताओं को सीधे जेल और उनकी कंपनी की चल व अचल संपत्ति जब्ती की कार्यवाही होगी ? परंतु ऐसा हो नही सकता क्योंकि महाराष्ट्र राज्य के मंत्रालय ने जांच अधिकारियों को पूरी तरह भ्रष्टाचारी, बिकाऊ और निकम्मा बनाकर रख दिया गया है इतना ही नहीं शिकायतकर्ताओं को झूठे और तथ्यहीन मामलों में जेल भिजवा दिया जाता है।

तबादला अभियंता पाटील की मर्जी से हुआ
हालांकि मुख्य अभियंता राजेश पाटील के करीबी और चहेते अधिकारियों और उनके मित्रमंडल का मानना है कि अभियंता राजेश पाटील ने अपनी बदली करवाने के लिए मुख्यालय को आवेदनपत्र सादर किया था। वे अपने तबादले के लिए बड़े ही उत्सुक थे।इतना ही नहीं उनके कार्यों से ऊर्जा मंत्रालय बहुत ही प्रसन्न एवं संतुष्ट रहा है.