मुर्तिजापुर (अकोला)। महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल कितने भी यात्री के हितों के लिए कार्य करे, फिर भी महामंडल को यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करना नही आता. दिन-ब-दिन प्रवासियों का एसटी बस की ओर झुकाव कम हो रहा है. महामंडल को चाहिए वैसी बसेस नही होने से खटारा, खस्ता बसेस से यात्रा करनी पड़ती है ऐसी जानकारी मिली है.
महामंडल के अकोला विभाग अंतर्गत चलने वाली विभिन्न डेपो की बसेस कबाड़ी अवस्था में है. कुछ बेसेस ग्रामीण क्षेत्र में भेजी जाती है. ये कब बंद पड़ेंगी इसकी कोई गारंटी नही है. महामंडल प्रशासन की ओर डेपो प्रमुख ने पत्रव्यवहार किए. गाड़िया सुधारने के लिए लगने वाले चीजों की मांग की लेकिन महामंडल की ओर से कोई पार्टस नही मिलने की जानकारी मिली है. जिससे सभी गाड़ियों की अवस्था खटारा हुई है. बसेस का समय पर काम नही होने से शेडूल्ड रद्द करना पड़ता है. इस कार्यप्रणाली से महामंडल का आर्थिक नुकसान हो रहा है तथा प्रवासियों का बस की ओर झुकाव कम हो रहा है. अनेक यात्री निजी वाहन से जाने का चित्र दिख रहा है.
महामंडल प्रशासन ने यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए गाड़ियों का नियोजन करके प्रवासियों को सुविधा और समय पर बसेस छोड़ने पर महामंडल का उत्पन्न बढ़ सकता है. काफी बार गाड़ियों का कार्य नही होने से यात्रियों को धक्का मारना पड़ता है. यात्री अपने भगवान है. यह जानना महामंडल प्रशासन को जरुरी है.