नागपुर : दिगंबर जैन समाज के पर्युषण पर्व का समापन सोमवार को हुआ. पर्युषण पर्व को पर्वों का राजा कहा जाता हैं. उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग, आकिंचन्य, ब्रह्मचर्य यह पर्युषण पर्व के दस दिन हैं. सोमवार को जैन धर्मावलंबियों ने क्षमावाणी पर्व सादगी से मनाया.
क्षमावाणी पर्व के दिन सोमवार को एक दूसरे को फोन, सोशल मीडिया के माध्यम से जैन भक्तों ने क्षमायाचना की. 10 सितंबर से शुरू हुए पर्व में सोलहकारण अभिषेक पूजन, दसलक्षण व्रत अभिषेक पूजन, पंचमेरु व्रत अभिषेक पूजन, चंद्रप्रभु व्रत पूजन, पुष्पांजलि आरती, भक्तामर पूजा, सम्मेद शिखरजी पूजा, अनंत व्रत पूजा, पुण्याहवाचन आदि धार्मिक कार्यक्रम मंदिर बंद होने से श्रावकों को घर में ही करने पड़े.
जैन धर्म के श्रावक श्राविकाएं अनंत चतुर्दशी के दिन नागपुर के सभी मंदिरों की वंदना करते हैं लेकिन पिछले वर्ष से मंदिर बंद होने से सभी को निराश होना पड़ा. श्रावकों ने कहा कि नवरात्रि तक मंदिर खोल देना चाहिए. कोविड के नियमों के तहत मंदिर खुलने और बंद करने का समय शासन ने निर्धारित कर देना चाहिए.