स्थानीय मतदाताओं की मांग उम्मीदवार स्थानीय हो
नागपुर/काटोल : काटोल विधानसभा के भाजपा विधायक आशीष देशमुख द्वारा पार्टी के साथ विधायिकी त्याग के बाद उपचुनाव होने की स्थिति बनी है. लिहाजा भविष्य में जब भी उपचुनाव हो लेकिन चुनाव की तैयारी में इच्छुक उम्मीदवारों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. जनमत कहता है कि उपचुनाव में एनसीपी उम्मीदवार अनिल देशमुख बनाम परिणय फुके, दिनेश टूले या फिर सरकार ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया तो पालकमंत्री बावनकुले के बीच मुक़ाबला देखने मिल सकता है.
लेकिन स्थानीय मतदाताओं और राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं के अनुसार काटोल विधानसभा क्षेत्र संवेदनशील विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. भाजपा से नाराज आशीष देशमुख के पद और पार्टी छोड़ने से उपचुनाव का वातावरण तैयार हुआ है. लिहाजा काटोल के नागरिक और मतदाता स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता दे सकते हैं. पिछली बार उन्होंने बाहरी उम्मीदवार आशीष देशमुख को तवज्जों दी थी, लेकिन उसके बाद उन्होंने अपना भ्रम दूर कर भविष्य में स्थानीय उम्मीदवार को ही तरजीह देने का निर्णय लिया है.
विस क्षेत्र की वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति के अनुसार एनसीपी के संभावित उम्मीदवार व पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के पक्ष में वातावरण है. सत्तापक्ष की प्रतिष्ठा का प्रश्न बना इस उपचुनाव के लिए भाजपा के कार्यकर्ताओं की मांग है कि अनिल देशमुख से सीधी भिड़ंत के लिए दमदार भाजपा उम्मीदवार ही चुनावी जंग में टिक सकता है. यह विधानसभा क्षेत्र ओबीसी बहुल होने से यहाँ कुनबी के साथ तेली मतदाता बड़ी संख्या में हैं. उपचुनाव में कुनबी बनाम कुनबी या फिर कुनबी बनाम तेली की चुनावी जंग देखने लायक रह सकती है.
उपचुनाव में एनसीपी उम्मीदवार अनिल देशमुख का साथ हाल ही में कांग्रेसी बने आशीष देशमुख को देना तय है. दूसरी ओर भाजपा के संभावित उम्मीदवारों में एमएलसी परिणय फुके, सरपंच दिनेश टुले और पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के नामों की चर्चा हो रही है. फुके कुनबी और टुले व बावनकुले तेली समाज से हैं. उक्त संभावितों में भाजपा किसे मैदान में उतारती या फिर स्थानीय कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर भाजपा के विधानसभा अध्यक्ष चरण सिंह ठाकुर या फिर नगरसेवक अविनाश ठाकरे जो आजकल काटोल की रोजाना दौड़ लगा रहे, उन पर दाव खेल सकती हैं.