आपूर्ति में दोष से कृत्रिम किल्लत
अंजनगांव सुर्जी (अमरावती)। भीषण गर्मी में अंजनगांव सुर्जी जलसंकट से जूझ रहा है. शहर समेत तहसील के अधिकांश गांवों में जल किल्लत से हाहाकार मचा है. शहानुर जलाशय में पर्याप्त जलभंडार होने पर भी किल्लत के चलते गुरुवार को विश्रामगृह में हुई बैठक में विधायक रमेश बुंदिले ने मजीप्रा के अधिकारियों को फटकार लगाई. नागरिकों ने भी शिकायतों का ढेर लगा दिया.
ऊंचाई वाले स्थानों पर असर
मजीप्रा के प्रभारी अधीक्षण अभियंता अशोक चेतवानी, कार्यकारी अभियंता प्रशांत भामरे, उपविभागीय अभियंता मोरेश्वर आजणे, नागेकर, बक्षी, बोराखड़े को नागरिकों के रोश का सामना करना पड़ा. व्यवस्थापन के दोष के कारण ग्राहकों को हो रही असुविधा पर ग्राहक पंचायत के आनंद संगई व संतोष गोलाइत ने भी असंतोष जताया. शहानुर जलाशय से तहसील के 235 गावों को जलापूर्ति की जाती है. संपूर्ण जल व्यवस्थापन गुरुत्वाशक्ति पर होने से पाइप लाइन में पानी के योज्य दबाव पर ही आपूर्ति निर्भर है. लेकिन मजीप्रा के जल व्यवस्थापन के दोष से योज्य फोर्स नहीं मिल पा रहा है. जिससे ऊंचाई वाले स्थानों पर जलापूर्ति प्रभावित हो रही है.
4-5 दिन बाद जलापूर्ति
गर्मी के दिनों में हर किसी को पानी की अत्याधिक आवश्यकता रहने पर यह जलसंकट उत्पन्न होने से लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. शहर के बालाजी प्लाट, कोकाटखेल, विठ्ठलनगर, काठीपुरा, तथा सुर्जी के कुछ भागों में हाहाकार मचा है. ग्रामीण में बोशला, टाकरखेड़ा, धनेगांव, कस्बेगव्हाण, चिंचोली शिंगणे, चिंचोली, कुंभरगांव, कारला, अडगांव खाडे, सातेगांव, बंडारज समेत अन्य कुछ गांवों में नल चार से पांच दिन बाद आ रहे है. शहानुर जलाशय में पर्याप्त जलभंडार होने पर भी ग्रीष्मऋतु में इस किल्लत पर उपाय योजना के लिये यह मीटिंग ली गई. इस बीच तहसील के बोराला गांव में जलसंकट से संतप्त भूमिहीन खेत मजदूर संगठन के बैनर पर ग्रामवासियों ने मजीप्रा कार्यालय के सामने गुरुवार से अनशन शुरू कर दिया है. चार वर्षों से ग्रामवासी किल्लत सहन कर रहे है. संगठन के प्रेमदास तायडे, तेजस अभ्यंकर, तात्या तायडे, कुलदीप कुकडे, राजेश मोरे समेत कई अनशन में सहभागी हुये है. विधायक के साथ मजीप्रा के अधिकारियों ने अनशन पंडाल को भेंट देकर उपाय योजना का आश्वासन दिया, लेकिन आश्वासन की खैरात नहीं बल्कि पानी चाहिए. यह मांग करते हुये अनशन पर अटल है.
