Published On : Mon, Mar 19th, 2018

मनपा की 160 स्कूलों में से 97 स्कूलों में नहीं है प्रिंसिपल

File Pic

नागपुर: नागपुर महानगर पालिका की ज्यादातर स्कूलें बिना प्रिंसिपल के ही चल रही हैं. ज्यादातर स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं है और वरिष्ठता के आधार पर स्कूल में इंचार्ज को ही पदभार दिया गया है. नागपुर शहर में मनपा की प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल कुल मिलाकर 160 है, जिसमें से प्राथमिक की 131 और माध्यमिक की 29 स्कूले हैं. इन स्कूलों में माध्यमिक में 19 प्रिंसिपल है और प्राथमिक में 44 प्रिंसिपल है. 160 स्कूलों में केवल 63 प्रिंसिपल ही है. जबकि 97 स्कूल बिना प्रिंसिपल के इंचार्ज के भरोसे ही चल रही है.

दरअसल राज्य सरकार का जीआर है कि 100 विद्यार्थी रहने पर ही प्रिंसिपल दे सकते हैं. माध्यमिक की 29 स्कूलों में 19 प्रिंसिपल हैं और 7 इंचार्ज हैं. जबकि चार प्रिंसिपल के पद मंजूर ही नहीं है. इनमें से 17 स्कूल जो है वह ग्रांटेड है. 11 स्कूल बिना अनुदानित है और एक कायम अनुदानित है. मनपा के शिक्षा विभाग के अनुसार आश्चर्य की बात यह है कि प्रिंसिपल के 80 प्रतिशत पद मंजूर ही नहीं है. जिन स्कूलों में 100 से कम विद्यार्थी है वहां पर इंचार्ज के भरोसे ही स्कूल चल रही है. हालांकि इंचार्ज को भी प्रिंसिपल के समान ही अधिकार दिया गया है. लेकिन वेतनमान में बदलाव है. जिन स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं है वहां पर पढ़ाई में भी विद्यार्थियों का नुकसान होने की जानकारी सामने आयी है. इन स्कूलों में मराठी, हिंदी और उर्दू स्कूल भी शामिल है.

इस बारे में नागपुर महानगर पालिका की शिक्षणाधिकारी संध्या मेड़पल्लीवार ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से पद मंजूर नहीं होने की वजह से प्रिंसिपल नहीं दे सकते. शिक्षक वरिष्ठता के आधार पर शिक्षक को पदोन्नति देकर उन्हें इंचार्ज बनाया गया है. हालांकि इंचार्ज को भी अधिकार प्रिंसिपल के ही दिए गए है. सेवा ज्येष्ठता की सूची आने के बाद प्रिंसिपल देने का निर्णय भी लिया जाएगा. मनपा स्कूलों में चपरासी और कर्मियों की कमी के बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि स्कूलों से डाटा आने के बाद जिन स्कूलों में चपरासी नहीं है उन्हें चपरासी दिए जाएंगे.

Gold Rate
18 Aug 2025
Gold 24 KT ₹ 1,00,100 /-
Gold 22 KT ₹ 93,100 /-
Silver/Kg ₹ 1,15,400/-
Platinum ₹ 48,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

—शमानंद तायडे

Advertisement
Advertisement