नागपुर: सरकारी महकमें में भर्ती की होड़ और धांधली अब आम हो गई है. इसके साए से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री भी अछूता नहीं रहा. नागपुर के वाड़ी स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से सम्पूर्ण देश के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के लिए भर्ती प्रक्रिया जारी है, जिसमें खुलेआम मेरिट क्रम को नज़रअंदाज कर पिछले क्रमांक को भर्ती प्रक्रिया में तवज्जों दी गई. जिससे अन्यायग्रस्त चिंटू कुमार ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री प्रबंधन सह अन्य को लिखित शिकायत दर्ज करवाई. लेकिन शिकायत पत्र को भी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री भर्ती सेल ने अधिकृत रूप से स्वीकार करने के बजाय गुमराह करते रहे.
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री नागपुर की भर्ती केंद्र से १९ जून २०१७ को ऑनलाइन भर्ती विभिन्न पदों के लिए निकाला गया. इस भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने के लिए १९ जून से १७ जुलाई तक का समय दिया गया था. इस भर्ती प्रक्रिया में कुल ३५८१ पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है, जिसमें बॉयलर अटेंडेंट, डीबीडब्लू ( डेंजर बिल्डिंग वर्कर ),मशीनिस्ट,कारपेंटर,मेसन,इलेक्ट्रीशियन,टेलर,फिटर,फिटर इंस्टूमेंट,पाइप फिटर एवं अन्य पदों की भर्ती होनी है.
सर्वप्रथम इच्छुक आवेदकों का चयन कर उनका लिखित परीक्षा १० सितम्बर २०१७ को लिया गया. जिसका परिणाम ओएफआरसी की वेबसाइट पर दिसंबर २०१७ के अंतिम सप्ताह में सार्वजानिक किया गया.
इस भर्ती प्रक्रिया में पुणे स्थित एएफके के बॉयलर फिटर पद के ७ पद के लिए लगभग २५० उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. जिसमें से सभी ने लिखित परीक्षा तो दी, उसमें से चिंटू कुमार सहित मात्र ९ ही उत्तीर्ण हो पाए. इसके बाद सभी उत्तीर्ण उम्मीदवारों की १५ से २० जनवरी २०१८ तक उनके प्रायोगिक टेस्ट व पात्रता कागजात जाँच जहाँ – जहाँ के लिए वेकेंसी निकली थी, वहां वहां के संबंधितों ने की. इस जाँच पड़ताल का भी परिणाम अप्रैल २०१८ में ओएफआरसी के वेबसाइट में जारी किया गया. जिसमें ९ सफल उम्मीदवारों के नाम सह मार्कशीट अंकित थी. इसमें २ सामान्य ( भूतपूर्व सैनिक सर्वेश कुमार,भूतपूर्व सैनिक अशोक कुमार ),५ ओबीसी ( बचला कुर्मा राव,पवन कुमार,नंदकिशोर विश्वकर्मा,चिंटू कुमार,घनश्याम सिंह ) और २ एससी ( मनोज कुमार थेटे,अशोक गजभिव ) का विवरण था. ओबीसी वर्ग के ५ चयनित उम्मीदवारों में चिंटू कुमार चौथा मेरिट दर्शाया गया और ओबीसी कैटेगरी से सिर्फ १ का ही चयन होना था. इस हिसाब से बचला कुर्मा राव का चयन निश्चित दिख रहा था.
जिसका ‘प्रोविजनल फाइनल मेरिट लिस्ट’ ३ अगस्त २०१८ को पोर्टल पर ही जारी किया गया. जारी सूची में उक्त ९ चयनितों में से चिंटू कुमार और अशोक गजभिव का नाम नदारत था.
उक्त परिणाम को देख मेरिट क्रमांक ४ चिंटू कुमार हैरत में पड़ गया. जब इसकी तह में गए तो जानकारी मिली कि सामान्य कैटेगरी से ५ उम्मीदवारों का चयन किया जाना था लेकिन सामान्य कैटेगरी से २ ( भूतपूर्व सैनिक सर्वेश कुमार,भूतपूर्व सैनिक अशोक कुमार ) का चयन किया गया. समान्य कैटेगरी के रिक्त शेष ३ पदों पर ओबीसी से ( ओबीसी श्रेणी के क्रम वार ) बचला कुर्मा राव, पवन कुमार व नंदकिशोर विश्वकर्मा का चयन किया गया. इस हिसाब से ओबीसी के एक पद पर ओबीसी कैटेगरी में चौथा मेरिट चिंटू कुमार का चयन किया जाना था लेकिन उसकी जगह पांचवां मेरिट घनश्याम सिंह का चयन कर ओएफआरसी, नागपुर विवाद में आ गया.
चिंटू कुमार के हिसाब से वे ऑर्डिनेंस फैक्ट्री भंडारा से अप्रेंटिस प्रशिक्षु हैं. इसलिए मेरिट सूची सह ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के ही प्रशिक्षु होने के कारण उनका चयन होना चाहिए था. लेकिन निजी क्षेत्र में प्रशिक्षण लेकर व हमसे ६ अंक कम लेने वाले घनश्याम सिंह का चयन कर एफआरसी ने अपनी कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है. इतना ही नहीं चयनित बचला कुर्मा राव और सर्वेश कुमार की शैक्षणित पात्रता अपूर्ण रहने के बाद भी उनका चयन किया गया.
उक्त अन्याय को लेकर चिंटू कुमार ने ओएफआरसी को आज लिखित शिकायत देने ऑर्डिनेंस फ़ैक्ट्री पहुंचे तो परिसर में प्रवेश देने से मना कर दिया. वे सोमवार को पुनः ऑर्डिनेंस फैक्ट्री,नागपुर में जाकर निवेदन देने का प्रयास करेंगे, न्याय नहीं मिलने पर न्यायालय की ओर रुख करेंगे.