Published On : Thu, Dec 20th, 2018

नियमों की अनदेखी को लेकर मनपा आम सभा से विपक्ष ने किया वाकआउट

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नागपुर: आज मनपा की आमसभा तय समय से लगभग ७० मिनट की देरी से शुरू हुई और निधि वितरण में नियमों की अवहेलना को लेकर विपक्ष ने हंगामा के साथ वाकआउट कर दिया. बाद में कुछ विषय अगली आमसभा के लिए स्थगित कर महत्वपूर्ण विषयों को सूचना सह मंजूरी के अलावा लगभग आधा दर्जन विषयों सुधार कर पुनः सभागृह में पेश करने का निर्णय महापौर ने लिया. इसके साथ ही पटवर्धन ग्राउंड में बाबासाहेब आंबेडकर शोध केंद्र निर्माण में बो रही देरी पर पक्ष-विपक्ष में शाब्दिक झड़प चर्चा का विषय बनी रही. इसके साथ ही विपक्ष महापौर के सलाहकार सुनील अग्रवाल द्वारा कामकाज के दौरान प्रशासन से सवाल करने पर बारम्बार हस्तक्षेप पर तमतमा गए थे.

महल के टाउन हॉल में आयोजित आमसभा ११ बजे शुरू होनी थी. लेकिन महापौर ने आमसभा को तरजीह देने के बजाय सरकारी मुद्रणालय में आयोजित कार्यक्रम को प्राथमिकता दी. इस वजह से मनपा की आमसभा १ घंटा १० मिनट बाद उपमहापौर ने कामकाज शुरू किया. लगभग ११ बजे सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी,नगरसेवक किशोर जिचकर,नगरसेविका आभा पांडे,मनपा के प्रभारी वित्त अधिकारी नितिन कापडणीस ही सभागृह में नज़र आए. निगम सचिव भी मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर के बाद परिसर में आए.

कामकाज की शुरुआत करते हुए उपमहापौर के आदेश पर शोक प्रस्ताव का वाचन निगम सचिव हरीश दुबे ने किया. इस दौरान भाजपा नेता अनंत कुमार,मोहम्मद अजीज,यादवराव भोयर,पत्रकार मंजरी भटनागर,सी के जाफ़र शरीफ,चिंतामन इवनाते,मधु अनुभव शिक्षार्थी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

तत्पचात अभिनन्दन प्रस्ताव के तहत पिछले दिनों ५ राज्य में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव बाद नियुक्त नए मुख्यमंत्रियों,बसपा नेता मोहम्मद जमाल के शेर-शायरी को लेकर बनाये गए विश्व कीर्तिमान पर अभिनन्दन प्रस्ताव पेश किया गया.

इसके तुरंत बाद कांग्रेस की नगरसेविका दर्शनी धवड व नगरसेवक हरीश ग्वालवंशी के गोरेवाड़ा तालाब में सीवेज के पानी के छोड़े जाने के मसले पर उचित क़दम न उठाए जाने से नाराज दोनों नगरसेवकों के साथ संदीप सहारे आदि तमतमा गए. मामले की गंभीरता को देखते हुए मनपायुक्त को २ दिन के भीतर सम्बंधित नगरसेवकों के साथ बैठक सह दौरा कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

प्रश्नोत्तर काल की शुरुआत अधिवक्ता निशांत गांधी ने करते हुए उपयोग न हो रहे १९१ सार्वजानिक कुओं के पानी की जाँच कर उनके उपयोग पर सकारात्मक निर्णय लेने की मांग की. शहर के सार्वजानिक कुओं की बारंबार साफ़-सफाई खर्च के बचत के उद्देश्य से सभी कुओं को जाली से ढंकाने की भी मांग की गई.

इसी सवाल पर निर्दलीय नगरसेविका आभा पांडे जलप्रदाय विभाग द्वारा तरह-तरह के आंकड़ों के पेश किये जाने पर दूध का दूध व पानी का पानी करते हुए एक श्वेत पत्र जारी करने की मांग की. महापौर ने प्रशासन को प्रशासन द्वारा किए गए कार्रवाई से उक्त सभी सम्बंधित नगरसेवकों को अवगत करवाने का निर्देश दिया.

पूर्व महापौर प्रवीण दटके,जलप्रदाय समिति प्रमुख पिंटू झलके,कांग्रेस नगरसेवक नितिन साठवणे ने लगे अवैध होर्डिंग का सवाल उठाया और कहा कि फुटपाथ के अतिक्रमण को मनपा प्रशासन बर्दास्त नहीं करती लेकिन फुटपाथ,अवैध इमारतों पर खड़ी होर्डिंग के खिलाफ मनपा सुस्त हैं.इसके साथ ही बड़े-बड़े चौराहों,बर्डी,गांधीबाग जैसे बाज़ारों,बिजली के लाइन-खम्भों के निकट लगे अवैध होर्डिंग पर कार्रवाई की मांग की.इसके साथ ही मनपा की आउटडोर पॉलिसी के उल्लंघनकर्ता एवं उसके संरक्षकों पर कार्रवाई की मांग भी की.यह भी जानकारी दी कि मनपा विज्ञापन विभाग का केन्द्रीयकरण के साथ ही शहर के प्रमाण से मनुष्य बल की उपलब्धता से मनपा को सालाना ५० करोड़ की आय हो सकती हैं.जिसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन कर अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार कर अगले सभागृह में प्रस्तुत करने की मांग की.

महापौर ने मनपायुक्त को निर्देश दिया कि एक समिति का गठन करें,जिसमें सम्बंधित विषय के अध्ययनशील नगरसेवकों का समावेश किया जाए. साथ ही अवैध होर्डिंग को हटाए,इसकी सम्पूर्ण रिपोर्ट तैयार कर अगली सभागृह में प्रस्तुत करें.

बसपा पक्षनेता मोहम्मद जमाल ने यशवंत स्टेडियम के निकट बाबासाहेब आंबेडकर संशोधन केंद्र के निर्माण में देरी सह सरकार-प्रशासन की निति सार्वजानिक करने की मांग की.यह मुद्दा उठते ही कांग्रेस के तथाकथित नगरसेवक ने बसपा पर मुद्दा हथियाने का आरोप लगाया. मुद्दे पर गहमागमी होता देख भाजपा के नगरसेवक व मनपा विधि समिति सभापति अधिवक्ता धर्मपाल मेश्राम ने महापौर से गुजारिश की कि यह सभागृह ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा और निराकरण के लिए हैं न की राजनैतिक भाषणबाजी के लिए. तब सभी सीधे मुद्दे पर चर्चा करने लगे. नगरसेवक संदीप सहारे ने प्रशासन व सरकार पर इस मामले में पक्षपात करने का आरोप लगाया.

महापौर ने उक्त सवाल पर जानकारी दी कि केंद्र निर्माण का मसला अंतिम मुहाने पर हैं. बढ़िया तैयार करने व बड़ा प्रकल्प होने के कारण देरी हो रही.सभागृह की भावना से राज्य सरकार को अवगत करवा दिया जाएगा. इस मामले में सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी ने वर्त्तमान महापौर के कार्यकाल में ही इसका भूमिपूजन होगा.

पूर्व स्थाई समिति सभापति बाल्या बोरकर ने मनपा अग्निशमन विभाग में ८ कर्मियों को नियमित करने सम्बन्धी मामला उठाया. महापौर ने प्रशासन के जवाब सुन व नगरसेवकों के तर्क पर निर्णय देते हुए कहा कि उक्त मामलात में संभ्रम हैं. प्रशासन इस विषय में पूर्ण अध्ययन कर अगली सभागृह में रिपोर्ट पेश करें.

प्रश्नोत्तर के अंत में कांग्रेस के नगरसेवक कमलेश चौधरी ने सवाल उठाया कि स्थाई समिति अध्यक्ष और आयुक्त के वित्तीय अधिकार पर गंभीर प्रश्न किया।प्रशासन,पक्ष-विपक्ष नगरसेवकों के तर्क-वितर्क पर महापौर ने परंपरागत तरीके स्थाई समिति सभापति का पक्ष लेते हुए वर्त्तमान कार्यप्रणाली को सही ठहराया. जबकि कांग्रेस नगरसेवक प्रफुल गुरधे पाटिल ने इस विषय पर एवं निधि वितरण में गड़बड़ी मामले पर मतदान करवाने की मांग की थी.यह मांग से विपक्ष के नगरसेवक सकते में आ गए थे तो सत्तापक्ष ने राहत की साँस ली.

महापौर के जवाब से विपक्ष सह बसपा नगरसेवक ‘वेल’ में आ गए.जब महापौर टस से मस नहीं हुईं तो सभी सभागृह के बाहर चले गए.इसी बीच महापौर ने विषय पत्रिका के महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लेते हुए कुछ को मंजूर,को संशोधन कर पुनः सभागृह में प्रस्तुत और कुछ को सूचना सह मंजूरी प्रदान की गई.

उल्लेखनीय यह है कि मनपा की आमसभा का महत्त्व दिनोंदिन कम होता जा रहा,एक तो सभागृह के निर्णयों पर प्रशासन अमल नहीं करता,टालमटोल रवैया अपनाता. दूसरा सभागृह के कामकाज में २ दर्जन के आसपास नगरसेवक-नगरसेविकाएं ही सक्रियता से भाग लेती हैं.सभागृह में अधिकांश नगरसेवक-नगरसेविकाओँ के पास विषय पत्रिका नहीं होती. सभागृह के आखिरी तीन लाइन सम्पूर्ण कार्यवाही के दौरान अपने आप में मदमस्त देखा गया.ये सिर्फ जब किसी विशेष विषय में मतदान का मामला होता हैं तब थोड़ा सक्रिय दिखते हैं.