Published On : Wed, May 24th, 2017

जिला खुले में शौच मुक्त घोषित, फिर भी नहीं थम रहा कार्रवाईयों का सिलसिला

Advertisement

Open defecation
नागपुर:
 स्वछता अभियान के तहत देश भर में अभियान चलाया जा रहा है. सन 2012 में भारत सरकार की ओर से जिन घरों में शौचालय नहीं था, ऐसे घरों का सर्वे किया गया था. इस सर्वे के बाद सरकार की ओर से नागपुर जिले में मुफ्त में 1 लाख 20 हजार लोगों के घरों में 2012 से लेकर 2017 तक शौचालय बनाये गए थे. 31 मार्च 2016 से लेकर 31 अप्रैल 2017 तक कुल 70 हजार 761 घरों में शौचालय बनाए गए हैं.

इसके बावजूद नागपुर जिले में खुले में शौच का प्रमाण कम नहीं हुआ है. नागपुर जिले के ग्रामीण और शहर के ही कई हिस्सों में खुले में शौच करते लोगों को देखा जा सकता है. रोजाना खुले में शौच करनेवाले नागरिकों को पकड़ा जा रहा है. इन लोगों पर कई जगहों पर कार्रवाई के तहत एफआईआर भी दर्ज की जा रही है. यही नहीं तो वाड़ी में खुले में शौच करनेवालों का राशन कार्ड तक रद्द करने की मुहीम छेड़ी जा रही है.

नागरिकों को सरकार भले ही शौचालय बनाकर दे रही हो लेकिन फिर भी नागपुर जिले के हजारों लोग खुले में शौच करते हैं. यह स्थिति तब है जब नागपुर को 31 मार्च 2017 को खुले में शौच मुक्त जिला घोषित किया जा चुका है. अगर नागपुर जिला खुले में शौच मुक्त है तो सप्ताह में कई जगहों पर खुले में शौच कर रहे लोगों पर एफआईआर कैसे दर्ज हो कही है यह समझ से परे है. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से ग्रामपंचायत स्तर पर सर्वे किया गया था. जिसके आधार पर यह रिपोर्ट जिला पानी व स्वच्छत्ता मिशन कक्ष की ओर से राज्य सरकार को भेजी गई थी और उसी के आधार पर नागपुर जिले को खुले में शौच मुक्त जिला घोषित किया गया था.

इस बारे में जिला पानी व स्वच्छत्ता मिशन कक्ष के कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी नरेश इटनकर ने बताया कि नागपुर जिले में 70 हजार 761घरों में शौचालय बनाए गए हैं,फिर भी लोग खुले में शौच कर रहे हैं. यह गलत है. फिर भी लोगों में जागरुकता आने का दावा करते वे नहीं चूकते. लेकिन जो नहीं बदल रहे हैं उनकी सोच को वे खुद ही बदल सकते हैं. उन्होंने बताया कि खुले में शौच करनेवाले लोगों पर बीडीओ अपने स्तर पर कार्रवाई कर सकते हैं. हालांकि कितने लोगों पर अब तक कार्रवाई की गई यह जानकारी देने से वे कतराते रहे.