महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील और तेज़ी से बढ़ते जनसंख्या के मद्देनज़र जिस हिसाब से पुलिस बल के बेड़े में नए पुलिस भरतियाँ की जानी थी, उसमें विफल रही. यह ख़ुलासा सूचना के अधिकार के तहत माँगी गई जानकारी के आधार पर सामने आई कि भाजपा-शिवसेना की सरकार ने बीते चार सालों में केवल 2733 पुलिस बल की भरती की. जबकि राज्य में जनसंख्या के मुकाबले पुलिस बल की जरूरत 61,494 की थी. वहीं पिछली सरकार ने 2011 से 2014 के दरम्यान केवल 22,864 पुलिस बल की नियुक्ति की थी.
पुलिस बल की सबसे ज्यादा जरूरत पिंपरी-चिंचवड़ जैसे तेज़ी से बढ़ते इलाकों में महसूस की जा रही है. 2011 से डीजीपी कार्यालय को भी पुलिस जवानों की जरूरत महसूस हो रही है. मिली जानकारी के अनुसार 28/5/2018 को जारी आदेश के अनुसार पिंपरी-चिंचवड़ के लिए 2633 पुलिस भरती के लिए मंजूरी मिली है. ऐसा माना जा रहा है कि अगर इस जरूरत को पहले ही पूरा कर लिया गया होता तो मराठा आंदोलन के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित रहे इस इलाके को समय रहते नियंत्रण में लाया जा सकता था.












