Published On : Fri, May 15th, 2015

चंद्रपुर में ‘‘ऑनलाइन लाॅटरी’’ बन रही ‘‘ऑनलाइन बर्बादी” का कारण


जिला प्रशासन की अनदेखी

पुलिस प्रशासन संभ्रमित

Online Lottrey
सवांददाता / महेश पानसे

चंद्रपुर। जिले में अवैध सट्टापट्टी अपने पुराणे ढ़ंग से चल रही है. साथ में आधुनिक पद्धति से चलाने जा रहे ‘‘ऑनलाइन लाॅटरी’’ तथा व्हिडीओं गेम’’ ने कर्मचारी, कामगार, युवक और अब बड़ी सख्या में, विद्यार्थियों को बर्बादी की राह दिखा दी है. अनेक नामों से चल रही यह ”ऑनलाइन बर्बादी” हर 19-19 मिनिटों में आनेवाले आंकड़े में जिल के हजारों लाखों ग्राहकों कों फसाते जा रहे है.

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शुरुवाती दिनों में महाराष्ट्र राज्य में ग्राहकों के मनोरंजन तथा शासन महसूल बढ़ाने हेतु इस बर्बादी के धंदे के परवाने आवंटित किये थे. लेकिन इन ‘‘ऑनलाइन लाॅटरी’’ केंद्रों के ठेकेदारों ने बड़ी मात्रा में पैसा कमाने हेतू इन केेंद्रों पर शासन की आॅंखों में धुल झोककर अवैध ढंग से अन्य राज्यों के आंकडे भी इस में शामिल कर दिये है. महसूल डूबाकर शासन को ठगाते जा रहा है. साथ-साथ जिले की जनता को व्यसनाधिन करने में ठेकेदारों को कमाल की सफलता हासिल हो चुकी है. जिले में समाज का बड़ा वर्ग जो इन बर्बादी केंद्रों के घेरे में फस चुका है अब समाज इन जुगार का आदि होता दिखाई पडता है.

जिले में शराबबंदी का ऐलान हो चुका है. जिले की महिलाओं ने आगे आकर ‘‘शराबबंदी’’ का नारा लगाया और नशे में धुत हुए पुरुषों को राह दिखाने का प्रयास किया, शासन ने भी उसी तत्परता से महिलाओं की आशा, अपेक्षाओं को प्राथमिकता देकर जिले में संपूर्ण शराबबंदी लागू कर दी है. धिरे-धिरे शराब के नशे के आदि हुआ बड़ा वर्ग अब सामाजिक तथा पारिवारिक राह पर चलेगा इसमें कोई शक नहीं. शासन तथा जिला प्रशासन ने भी इस संदर्भ में जो मानसिकता अपनाई वह काबिले तारीफ हे. प्रशासन का हर घटक ‘‘शराबबंदी’’ के अमल के लिए आगे आ चुका है यह स्पष्ट है. शराब की लत से शारीरिक तथा पारिवारिक   अवदशा तो अब रूकेगी. पर, ऑनलाइन लाॅटरी’’ व व्हिडीओ गेम’’ के जरीए फैलाया जा रहा असामाजिक व्हायरस अनदेखा क्यों किया जा रहा है? इससे तो भावी पीढ़ी झटपट बर्बादी की राह पर आ खड़ी है.

शराब की तुलना में कोई ज्यादा खतरनाक नतिजे इस जुगार सट्टे (ऑनलाइन लाॅटरी) में दिखाई देंगे जिले में तो सिर्फ 300 शराब की दुकानों में शराब बेची जाती थी. यहां तो 600 के उपर केेंद्रों में अवैध सट्टा जुगार चल रहा है. इससे ही इस लत के आदि हुए लोगों के आंकडे आंके जा सकते है. एक हदतक शराब का नशा इंसान करता है यहां तो कोई सिमा नहीं कोई हद नहीं हर 19 मिनिट में बर्बादी का घुट लेने की आजादी है. सबसे खतरनाक तथा चिंताजनक बात तो यह है कि,15 से 22 वर्ष के युवक बडी मात्रा में इस बर्बादी केंद्रों में अपना अस्तित्व बडे मात्रा में खोज भविष्य बर्बाद कर रहे है. स्कूल या महाविद्यालयों में जानेवाले विद्यार्थी वर्ग दिशाहीन होकर इन आॅनलाॅइन बर्बादी केंद्रों में भटक चुका है.

बर्बादी रोकने राजकीय इच्छाशक्ति की कमी
‘‘ऑनलाइन लाॅटरी’’ ”व्हिडीओ गेम’’ इसे तो शासनस्तर पर एक मनोरंजन व्यवसाय के तौर पर देखा जाता है. परवाने भी आवंटीत होते है. कानून की नजर में इसमें कोई अवैद्यता नहीं कोई असामाजिक अधार्मिक हानी न पहुंचाने वाले व्यवसाय की तोर पर इसे शासन स्तर पर आॅंका जाता है. इसलिए तो ‘‘स्वतंत्रता दिवस’’ व ”गणतंत्र दिवस’’ हो या इन केंद्रों को चलते देखा जा सकता है. इन खतरनाक खेलों में शामिल होने की कोई वयोमर्यादा नही. कानून के दायरे में दिखाई देते यह ‘‘बर्बादी केंद्र’’ भले ही असामाजिक ढ़ंग से चल रहे पर पुलिस प्रशासन भी कुछ नहीं कर पा रहा है.

हमारे तालुका प्रतिनिधीयों से प्राप्त इन केंद्रों के आंकडे चौंका देनेवाले है. साथ ही इनके शिकार हुए युवा तथा विद्यार्थियों की संख्या चिंताजनक है. चंद्रपुर शहर के बाद मूल, सावली, सिंदेवाही तथा राजूरा, ब्रम्हपुरी तालुका के गांवों में बड़ी मात्रा में बर्बादी का असर देखने मिल रहा है. घर से निकले विद्यार्थी बड़ी संख्या में पाठशाला न पहुंचते हुए सिधे इन बर्बादी केंद्रों में पहूच रहे है.

इन केंद्रों को काबू में रखना प्रशासन के हाथ में नहीं रहा ऐसा दिखाई पड़ता है. शराबबंदी की तर्जपर सामाजिक आंदोलन ही इन बर्बादी केन्द्रों को सिमापार करने का उपाय है. साथ में राजकीय इच्छाशक्ति रही तो इन खतरनाक असामाजिक ऑनलाइन लाॅटरी केंद्रों को बंद करवाना कोई बडी बात नहीं इससे जिले का भविष्य तथा भावी पीढ़ी का अस्तित्व सुरक्षित हो जायेगा.

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