Published On : Wed, Jan 21st, 2015

राजुरा : बोगस दवाई विक्रेताओं को अधिकारीयों का आशीर्वाद !


मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़

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Representational Pic


राजुरा (चंद्रपुर)।
दवाई विक्रेताओं के लिए डिप्लोमा के बगैर बोगस दवाई विक्रेताओं से दवाईयां खरीदी जा रही है. इस अवैध दवाई बिक्री के दुकान को चंद्रपुर कार्यालय के संबंधित अधिकारियों का आशीर्वाद होने की चर्चा है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार राजुरा तालुका के राजुरा, धोपटाला, सास्ती, चुनाला में गली-गली में दवाईयों की दुकाने है. किसी को दवाई की दुकान शुरू करना है तो उसे फार्मेसी ऑफ़ कौंसिल मुंबई प्रमाणित दो वर्ष का डिप्लोमा पास करना होता है. लेकिन कुछ बोगस दुकानदार दुसरों के नाम का डिप्लोमा प्रति माह 10 से 20 हजार रूपये पर किराये से लेते है. जो कि अवैध तरीके से इसका फायदा उठा रहे है. जांच करने आये आधिकारियों को दुकान के भीतर बिठाया जाता है. दवाई दुकान का लाइसेंस एक का और डिप्लोमा दूसरे का ऐसा अवैध कारोबार यहां चल रहा है. इसके बावजूद अधिकारीयों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. क्या संबंधित अधिकारी गहरी नींद में है ?

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बोगस दुकानदार सिर्फ डिप्लोमा धारक व्यक्ति को पैसे नहीं देते तथा माह के अंत में वरिष्ठ अधिकारीयों को भी भेजे जाते है. ऐसी चर्चा जोरोशोरो से चल रही है. धोपटाला स्थित एक दवाई दुकान से एक डिप्लोमा धारक को प्रति माह 10 हजार रूपये दिए जाते है. दुकान की नियमानुसार जांच करे तो सत्य बाहर आएगा. लेकिन यह तार निचे से ऊपर तक आर्थिक चैन से जुड़े है. “तेरी भी चुप और मेरी भी चुप” ऐसा प्रकार शुरू होने से गरीब जनता के जिंदगी  से खिलवाड़ हो रहा है. किसी की जान गयी तो इसका जिम्मेदार कौन रहेगा? यह गंभीर प्रश्न उपस्थित हो रहा है. इस प्रकरण के लिए जिलाधिकारियों ने योग्य भुमिका निभाकर संबंधित अधिकारी वर्ग और अवैध दवाई दुकानदारों पर कार्रवाई की मांग जनता कर रही है.

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