Published On : Wed, Jan 21st, 2015

सावनेर : क्रिकेट सट्टा एवं बुकियों के अच्छे दिन!

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युवा एवं छात्र रडार पर

सावनेर (नागपुर)। क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाना अब कोई नई बात नही है. रोजाना कही न कही इस अवैध व्यवसाय पर अंकुश लगाने के प्रयास किये जा रहे है. इन धंदो पर हो रही कार्रवाई के समाचार प्रकाशित होने पर भी दबंग बुकियों के हौसले पस्त होने के बजाय बुलंद हो रहे है. यह व्यवसाय जोरो शोरो से शुरू है.

ऑस्ट्रेलिया में शुरू त्रिकोणीय श्रृंख़ला के साथ ही अन्य देशों में क्रिकेट स्पर्धाएं शुरू है और इसके नतीजे के आधार पर यह अवैध व्यवसाय दिन ब दिन प्रगति कर रहा है. ऑस्ट्रेलिया में शुरू त्रिकोणीय श्रृंख़ला समाप्ती के बाद विश्वकप का आगाज होना है. और यह बुकियों के अच्छे दिन आने के संकेत दर्शाता है. ऐसे ही अवैध व्यापारी तैयारी में है. इन्होने विशेषतः युवा एवं छात्रों को टार्गेट करना शुरू किया है. झटपट पैसा कमाने के चक्कर में युवा एवं छात्रों का भविष्य दांव पर लगता नजर आ रहा है.

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जाने अनजाने में अपने बच्चे भी इस क्रिकेट सट्टा व्यवसाय के दलदल में फंस रहे है. छात्रों के कंधे पर बस्ता लदा हुआ है. लेकिन उनपर इस खेल का नशा चढ़ाना शुरू हो गया है. इसका मुख्य कारण है, इनके हाथ का मोबाइल. मोबाइल से हर गेंद, हर ओवर, सेशन दर सेशन में खेल के उतार चढाव पर दाव लगते है. शाला एवं विद्यालयों के छात्र इस खेल में अपने पालकों से स्कुल की फीस, कॉपी के नाम पर पैसे मांगते है और इन बुकियों के जेब में डालते है.

आयपीएल जैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट श्रृंखलाओं की अब सभी देशों में भरमार लगी है. हर खेल समाचार चैनल पर इसका सीधा प्रसारण होना इन बुकियों के लिए सोने पे सुहागा है. एक समय कुछ तय सीमा में होने वाले क्रिकेट श्रृंखलाये अब रोज हो रही है. किसी न किसी देश में टी-20, एक दिवसीय, टेस्ट श्रृंखला लगातार होने से इस अवैध व्यवसाय एवं व्यवसायियों के अच्छे दिन आये है.

सावनेर नगरी में अनेक जगह क्रिकेट मैचों पर बड़े पैमाने पर सट्टा खेला जा रहा है. ऐसी खबर है कि बाजार चौक, तेली चौक एवं बस स्टैंड आदि ठिकानों पर कम्प्यूटर, लैपटॉप एवं मोबाइल आदि की सहायता से इस खेल को अंजाम दिया जा रहा है. एवं वैसी सुविधा यह अवैध व्यवसायी उपलब्ध करके देने से घर बैठे मैच दर मैच लाखों करोड़ों के व्यारे न्यारे होने का विश्व्स्त समाचार है. इन क्रिकेट बुकी एवं व्यवसायों की पहुंच नागपुर जिला ही नही तो सीधे मुंबई, दुबई तक होने की खबर है तथा अनेक सफ़ेद पोशों का आशीर्वाद प्राप्त होने की वजह से उनपर कठोर कार्रवाई नही होती ऐसा आरोप है.

ऑस्ट्रेलिया में शुरू त्रिकोणीय श्रृंखला में भारत पर दाव लगाने की नैया पहले दोनों खेल में डुबी और बुकियों ने लाखों की माया अंदर कर डाली.

अभिभावक चिंतित
इस अवैध व्यवसाय में लिप्त होकर छात्रों का भविष्य अंधकार मय हो रहा है. वहीं क्रिकेट सट्टा बुकी जमकर माया काट रहे है. बस स्थानक सावनेर पर शुरू अड्डे के मालिक की नजदीकी अनेक सफ़ेद पोशों से होने से मिलीभगत कारण वह हमेशा कार्रवाई से बचे रहते है. वही अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है.

कार्रवाई टालने हेतु दबाव तंत्र
अनेक बार पुलिस कर्मियों द्वारा दबिश देकर क्रिकेट बुकियों की मिलीभगत होने पर नाममात्र या खानापूर्ती की कार्रवाई का दबाव कोई नई बात नहीं. बड़े-बड़े नाम वालों के फोन खनखनाने लगते है और कार्रवाई करने वाले कर्मियों पर प्रकरण को मिटाने हेतु दबाव डाला जाता है और तो और गडचिरोली नक्सलग्रस्त क्षेत्र में तबादले की धमकियां देकर कार्रवाई करने पर मजबूर किया जाता है. इन दबिशो में जब्त किये मोबाइल लैपटॉप, कम्प्यूटर और अन्य चीजों को अच्छे से खंगाला जाय तो इन क्रिकेट बुकियों के गली से दिल्ली तक तार जुड़े होने की जानकारी प्राप्त हो सकती है. ऐसा जानकारों का मत है.

Representational Pic

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