Published On : Sat, May 20th, 2023

गोंदिया: नवेगांव नागझिरा बनेगा पर्यटन का आकर्षण केंद्र , 2 बाघिनों का हुआ आगमन

वन मंत्री बोले- समुचित सुविधा और सौंदर्यकरण से हुआ लैस , बाघों की संख्या बढ़ी, जंगल सफारी को मिलेगा बढ़ावा , पर्यटकों की उमड़ेगी भीड़
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गोंदिया: नवेगांव नागझिरा में 2 नए मेहमानों ( बाघिनों ) का आगमन हो चुका है ।
ब्रम्हपुरी वन क्षेत्र से लाई गई 2 मादा बाघिनों को आज 20 मई शनिवार को वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की मौजूदगी में नवेगांव नागझिरा टाइगर रिजर्व यहां छोड़ा गया , रिहाई के बाद सैटेलाइट जीपीएस कॉलर और वीएचएफ की मदद से दोनों बाघिनों पर 24×7 नजर रखी जाएगी वहीं इसके लिए बकायदा साकोली में कंट्रोल रूम नियंत्रण किया जाएगा।

बता दें कि गोंदिया भंडारा जिले के मध्य स्थित 656.36 वर्ग किलोमीटर ( 1241.24 चौ.कि.मी ) में फैले नवेगांव नागझिरा टाइगर रिजर्व यह जंगल सफारी और व्याघ्र दर्शन के लिए प्रसिद्ध है तथा इसका एक बड़ा क्षेत्र बफर क्षेत्र घोषित किया गया।
त्योहार और गर्मियों की छुट्टियों के दिन शुरू होते ही जंगल सफारी का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में यहां पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है ।

नवेगांव नागझिरा टाइगर रिजर्व यह सुरम्य वादियों में रमणीय ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है , सैलानियों का आकर्षण बढ़ाने के लिए समुचित सुविधाएं और सौंदर्यीकरण पर यहां विशेष ध्यान दिया जा रहा है तथा बाघ- बाघि की संख्या समानांतर करनी हेतु व्याघ्र प्रकल्प में 2 मादा बाघिनों को छोड़ने का निर्णय लिया गया लिहाज़ा पहले चरण में 2 मादा बाघिनों को आज नागझिरा वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित कर दिया गया है।

सर्वाधिक बाघ से विदर्भ बन चुका है टाइगर कैपिटल- मुनगंटीवार

इस अवसर पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा-यहां 11 बाघ है और इस अभ्यारण में 20 व्यस्क बाघों के आवास की क्षमता है इस कंजर्वेशन ट्रांसलोकेशन ऑफ टाइगर्स पहल के तहत कुल 4 से 5 मादा बाघिनों को ब्रह्मपुरी क्षेत्र से नवेगांव नागझिरा टाइगर रिजर्व में स्थानांतरित किया गया है ‌।

अब जंगल सफारी को बढ़ावा मिलेगा तथा देशी विदेशी सैलानियों के पहुंचने से आसपास की आबादी के लिए आजीविका व रोजगार के अवसर भी सृजित किए जाएंगे।

सुधीर मुनगंटीवार ने कहा-बाघों की सर्वाधिक संख्या भारत में है और वह भी महाराष्ट्र के विदर्भ में , यहां के जंगल प्राकृतिक आवास के लिए उपयोगी हैं इसलिए सर्वाधिक बाघ होने से विदर्भ टाइगर कैपिटल बन चुका है।

महाराष्ट्र में 2014 में 190 बाघ थे , 2019 की गणना में यह बढ़कर 312 हो गए और अब बाघों की संख्या 500 के ऊपर है।

मंत्री ने कहा-सारस संरक्षण के लिए 62 करोड़ रुपए की योजना बनाने के लिए कोर्ट के निर्देश पर काम चल रहा है।

चारागाहों को विकसित करने और जल स्रोतों को बढ़ाने पर भी काम चल रहा है।

नवेगांव नागझिरा परियोजना में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं इसके लिए 400 स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है और 100 बाघ मित्र नियुक्त किए गए हैं इन बाघ मित्रों को 2000 रुपए मानदेय दिया जाता है आने वाले वक्त में जल्द ही पर्यटकों के लिए आधुनिक वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे , नवेगांव नागझिरा यह पर्यटकों के लिए बेहद ही आकर्षण का केंद्र बनेगा।

इस अवसर पर गोंदिया भंडारा के सांसद सुनील मेंढे , सांसद- अशोक नेते, विधायक विजय रहांगडाले, मनोहर चंद्रिकापुरे , प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( वन्यजीव ) महिप गुप्ता , मुख्य वन संरक्षक क्षेत्रीय रंगनाथ नाईकड़े , वन संरक्षक एवं फील्ड डायरेक्टर ताडोबा अंधारी परियोजना डॉ. जितेंद्र रामगांवकर , विशेष पुलिस महानिरीक्षक ( नक्सल प्रकोष्ठ ) संदीप पाटिल , वन संरक्षक एवं क्षेत्र निर्देशक नवेगांव नागझिरा आर.जयरामेगौड़ा , गोंदिया वन संरक्षक कुलराज सिंह , भंडारा वन संरक्षक राहुल गवई , गोंदिया निवासी उपजिलाधिकारी स्मिता बेलपत्रे , टाइगर रिजर्व के निर्देशक साकोली पवन जेफ , मंडल वन अधिकारी प्रदीप पाटिल और सहायक वन संरक्षक राजेंद्र सदगीर उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम में मानद वन्य रेंजर साहब सावन बहेकार और मुकुंद धुर्वे सहित प्राकृतिक प्रेमी डॉ. राजेंद्र जैन के साथ बड़ी संख्या में गोंदिया भंडारा जिले के मीडिया प्रतिनिधि शामिल हुए वनरक्षक अरविंद बड़गे ने कार्यक्रम के समन्वय के लिए प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

रवि आर्य