नागपुर: राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ आमजन के घर-द्वार तक पहुंचाने के लिए ‘शासन आपल्या दारी’ अभियान की शुरुआत की है। नागपुर जिले के पालक मंत्री और राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को अपील की कि अनुमंडलीय व्यवस्था को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उनके संभाग के सभी गांवों में नागरिकों को उनके घर के दरवाजे पर सरकारी सुविधाएं मिलें। उपमुख्यमंत्री उमरेड में अनुविभागीय समीक्षा बैठक करने आए थे। इस समीक्षा बैठक में विधायक गण राजू परवे, चंद्रशेखर बावनकुले, टेकचंद सावरकर, कलेक्टर डॉ. विपिन इटनकर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौम्या शर्मा सहित सभी विभाग प्रमुख उपस्थित थे। अनुमंडल पदाधिकारी चंद्रभान खंडाईत ने सबसे पहले प्रस्तुति दी।
इसमें उन्होंने उमरेड अनुमंडल की कुछ प्रमुख समस्याओं को तमाम नेताओं के समक्ष रखा। इसमें गोसीखुर्द परियोजना के तहत पुनर्वास, सामूहिक वन अधिकार अधिनियम 2006 के क्रियान्वयन, रिक्तियों की समीक्षा, जलयुक्त शिवार अभियान के क्रियान्वयन, मुख्यमंत्री सौर कृषि चैनल योजना, झाड़ीदार वनों के कारण लंबित पट्टों के आवंटन आदि पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। समीक्षा बैठक के बाद उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आदेश दिया कि राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी ‘शासन आपल्या दारी’ अभियान को उमरेड, भिवापुर और कुही तीनों तालुकाओं में प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। राज्य के सभी जिलों में 15 अप्रैल से 15 जून 2023 तक ‘शासन आपल्या दारी’ अभियान चलाया जा रहा है। इस पहल के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर ने जिला स्तर और तालुका स्तर पर जन कल्याण प्रकोष्ठों की स्थापना की है। उन्होंने इसके माध्यम से आने वाले निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया। इस वर्ष कम बारिश की संभावना को देखते हुए जलभराव वाले शिवर के कार्य अगले माह के भीतर तेजी से कराएं।
उन्होंने सुझाव दिया कि सिल्ट हटाने, नालों को चौड़ा करने और गहरा करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, नए कार्यों को करते समय पुराने कार्यों को अपडेट किया जाना चाहिए और इन कार्यों में गुणवत्ता बनाए रखी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि यदि बारिश कम होती है तो जलयुक्त शिवार के कार्य संरक्षित सिंचाई के काम आएंगे। राज्य के बजट में आश्रय प्रदान करने के लिए अब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के साथ-साथ नव-बौद्ध, ओबीसी को भी लाभार्थी बनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ‘मोदी आवास योजना’ की शुरुआत की गई है। इसलिए घर की शोभा काफी हद तक बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए कहा कि इसका लाभ उमरेड, कुही और भिवापुर तीनों तहसीलों में मिलेगा। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को बताया कि लाभार्थी चयन प्रक्रिया निष्पक्ष और सटीक होनी चाहिए। राज्य और केंद्र सरकार की कई योजनाएं आ रही हैं। ऐसे में उन्होंने अपने कौशल को विकसित करने के लिए समझाया ताकि लाभार्थियों का चयन करते समय सटीकता और तत्काल उपलब्धता हो।
उमरेड अनुमंडल क्षेत्र में गोसेखुर्द विस्थापितों के पुनर्वास का मामला लंबे समय से लंबित है। मुख्य रूप से झाड़-झंखाड़ की समस्या के कारण भूमि आवंटन सीमित होता जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह मामला अदालत में लंबित है और इसका समाधान हो जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि इस स्थान पर प्लाट आवंटित करते समय मैट एरिया बढ़ाने की मांग की गई है और इस पर विचार किया जाएगा। इस समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा अनुमोदित भूखंड के पट्टे उमरेड पंचायत समिति, भिवापुर नगर पंचायत, भिवापुर पंचायत समिति, कुही पंचायत समिति एवं कुही नगर पंचायत के माध्यम से हितग्राहियों को आवंटित किए गए।