नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स विदर्भ के 13 लाख व्यापारियों की शीर्ष एवं अग्रणी संस्था है। चेंबर व्यापारिक हितों के लिये सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ समन्वय बनाकर उनके मध्य – सेतु का कार्य करता है।
गत वर्ष मार्च माह से कोरोना महामारी ने सभी भारतीय जन मानस को झकझोर कर रख दिया है, साथ ही बार बार होने वाले लाॅकडाउन से छोटे व मझोले व्यापारीयों के व्यापार पर प्रतिकुल असर पड़ रहा है, उनकी आर्थिक स्थिती भी अत्यंत दयनीय हो रही है।
वर्तमान वर्ष में विदर्भ एंव नागपूर शहर मंे फेब्रुवारी माह से कोरोना महामारी ने जनमानस पर कुठाराघात कर दिया था। जिसका दंश सभी नागपुरवासीयों ने अपने परिवारों के सदस्य खोने के साथ एंव आर्थिक नुकसान की भरपाई से हुआ है। इसमें सबसें ज्यादा नुकसान व्यापारी वर्ग को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि शासकीय कर्मचारीयों को तो नियमित वेतन मिलने से कोई कष्ट नही होता। लेकिन लाॅकडाउन के कारण बेरोजगारी बढ़ती है, बेरोजगारी बढ़ने से अपराध बढ़ते है इसका खामियाजा भी व्यापारी को भुगतना पड़ता है।
लगभग 2 वर्षो के कोरोना महामारी के अन्तर्गत व्यापारी वर्ग को सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार का सहयोग एवं रियायत नही दी गई जिससे कई व्यापारींयों का व्यवसाय ठप्प हो गया है, एंव उन्हे बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। एक व्यापारी वर्ग ही है जो कर्मचारीयों को रोजगार देता और उनका पारिवारीक पोषण करता है। किन्तु बार बार लाॅकडाउन (कडे़ निर्बंधो) के कारण व्यापारी वर्ग की भी कमर टुट चुकी है। उनको भी अपने परिवार का भरण पोषण करने में भी कई कठिनायों का सामना करना पड़ रहा है।
व्यापारी वर्ग के व्यापार पर लाॅकडाउन की मार क्यों पड़ रही है इस का मुख्य कारण शासन प्रशासन इस महामारी को रोकने में सफल नहीं हो पा रहे है, उसका खामियाजा व्यापारीयों को ही भुगतना पड़ रहा है। साथ ही दुकान किराया, लागत पुंजी का ब्याज, इलेक्ट्रिªक बिल, स्टाॅफ कर्मीयों का वेतन तथा सभी शासकीय विभागों के कर/ लायसंेस फ़ी, आदि भी इस निर्बंध काल में लागू रहते है। इसी कारण यहां के बड़े व्यवसायी अन्य राज्यों में स्थानांतरीत हो रहे है। आनेवाले किसी भी निर्बध को व्यापारी पर थोपना अपने आप में अन्याय कारक के साथ – साथ व्यापारी को मरणासन्न स्थिती में पहुचाना है। पिछले कई वर्षो से विदर्भ क्षेत्र किसान आत्महत्या के लिये जाना जाता है, परिस्थितीया प्रतिकुल होने पर आगे चल कर व्यापारीयों को भी मानसिक रोगो से ग्रस्त हो कर गलत कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा।
महाराष्ट्र राज्य में सरकार ने 7 जुन 2021 से संक्रमण एंव उपलब्ध खाली बेड के आधार पर लेवल-1 सें लेवल-5 में महाराष्ट्र के सम्पूर्ण जिलों को वर्गीकृत कर अनलाॅक के दिशा निर्देश जारी किये, उसके हिसाब से वर्तमान समय में नागपूर शहर मंे 0.5 से भी कम है एंव नागपुर जिले ने सक्रिय मरीजो की संख्या 60 से कम है।
माननीय पालक मंत्रीने नागपुर जिले की जनता का ध्यान रखने हेतु बढ़ते रोगीयों पर पत्रकार परिषद के द्वारा चिन्ता जताई एंव कडक निर्बंध की इच्छा जाहिर की लेकिन वर्तमान परिस्थितीयों में यह जल्दबाजी भरा कदम होगा कारण आज के समय में व्यापारी वर्ग की हालत इतनी दयनीय है जिसकी गणना भी नही की जा सकती है। आपको ज्ञात है कि नागपूर में व्यापारी वर्ग बारम्बार लाॅकडाउन के कारण बहुत ही आर्थिक संकट का सामना कर रहा है साथ ही उनके स्थायित्व खर्चे भी लगातार जारी है।
सितम्बर- अक्टुबर- नवम्बर माह में त्योंहारो का सीजन रहता है। छोटे व मझोले व्यापारी इन त्यौहारों में व्यापार बढ़ने की आस लगाकर व्यापारी माल का स्टाॅक भरकर रखता है।
सरकार- जनता जर्नादन पर कड़े निर्बध लगाने का मानस बना रही है लेकिन सरकारी निर्देंशो के आधार पर महामारी का आगमन होने के बाद भी नागपुर के कोविड केअर सेंटर क्यों बंद किये- जिसका मुल कारण वर्तमान में संक्रमित मरीजों की संख्या कम को होना।
कोरोना महामारी के पश्चात भी नियमों को ताक पर रहते हुये राजनीतीक दलों द्वारा चुनाव, रैलीयां व सभायें नियमित हो रही है किन्तु प्रशासन द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है। प्रशासन को सिर्फ व्यापारी ही नजर आ रहे है।
अतः हम आपके माध्यम से सरकार से निवेदन करते है कि उपरोक्त बातों को संज्ञान लेते हुये राज्य सरकार से समन्वय बनाकर पुर्व में शासन द्वारा निर्बंधो से लेवल-1 के सरकारी निर्देशो के अनुसार सभी बाजारों को नियमित व्यापार करने दे ताकि वे मानसिक तनाव से मुक्त रहे एंव आर्थिक समयन्वता की ओर बढ़ते रहे।
अगर शासन प्रशासन द्वारा व्यापारीयों के हितों की अनदेखी कर अपना निर्णय थोपा तों व्यापारीयों के हितार्थ उनकी शीर्ष संस्था होने के नाते नाग विदर्भ चेम्बर आॅफ काॅमर्स को ना चाहते हुये भी कड़ा रूप अपनाने के लिये मजबुर होना पड़ेगा। इसलिये यह प्रेस काॅन्फ्रेन्स ली जा रही है। कृृपया आप अपने संचार साधनों के द्वारा प्रसारित करे, ऐसी आपसे नम्र विनंती है।