Published On : Mon, Dec 6th, 2021
nagpurhindinews | By Nagpur Today Nagpur News

एन.वी.सी.सी. ने व्यापारिक प्रतिष्ठानों में किसी के मास्क न लगाने पर व्यापारी से जुर्माना वसुली के विरोध में श्री नितीनजी राऊत को दिया प्रतिवेदन

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विदर्भ के 13 लाख व्यापारियों की अग्रणी व शीर्ष संस्था नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स के अध्यक्ष श्री अश्विन मेहाड़िया ने चेंबर के प्रतिनिधीमंडल के साथ महाराष्ट्र के ऊर्जामंत्री एवं नागपुर के पालकमंत्री श्री नितीनजी राऊत को प्रतिवेदन देकर रव्यापारिक प्रतिष्ठानों में उपस्थित व्यक्तियों के मास्क न लगाने हेतु व्यापारियों से जुर्माना वसुली के राज्य सरकार के आदशे का विरोध दर्शाते हुये राज्य सरकार के इस आदेश को तुरंत निरस्त करने का निवेदन किया।

अध्यक्ष श्री अश्विन मेहाड़िया ने कहा कि वर्तमान 27/11/2021 के आदेश में आपकी सरकार द्वारा निकाले गये आदेशनुसार किसी दुकान में कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के पाया जाता हैं तो उसका हर्जाना व्यापारी वर्ग से 10,000/- से 50,000/- तक वसुला जा सकता हैं वहीं कोई व्यक्ति अगर सड़क पर बिना मास्क के पाया जाता है तो प्रशासन उस व्यक्ति से 500/- हर्जाना वसुल करेगा। यह कहां तक न्यायसंगत है ? गत 2 वर्षाे से पुरे देश के साथ महाराष्ट्र राज्य की जनता एवं व्यापारी कोरोना महामारी से लड़ रहे है। इस महामारी में जनमानस-प्रशासन व व्यापारियों ने समन्वय बनाकर इस महामारी की लड़ाई में सफलता पाई थी, लेकिन गत सप्ताह से विदेशों के साथ देश में पुनः इस महामारी ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया। तद्हेतु स्वास्थ्य सुरक्षा दृष्टिकोण राज्य सरकार ने कुछ पाबंदिया लगाई उसका हम स्वागत करते है लेकिन केवल व्यापारी वर्ग को इस महामारी के कारण टारगेट करना अनुचित एवं अव्यवहारिक है।

चेंबर के उपाध्यक्ष श्री स्वप्निल अहिरकर ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी दुकान, व्यवसायिक या सार्वजनिक स्थान पर बिना मास्क के पाया जाता है तो प्रशासन की जवाबदेही है कि उससे कोविड नियमों का पालन कराये तथा संबंधित व्यक्ति पर ही जुर्माना लगाये – न कि व्यापारी पर। पहले ही 2 वर्षो से व्यापारी समुदाय महामारी के कारण आर्थिक परेशानियों से त्रस्त है। फिर भी शासन-प्रशासन द्वारा जबरन व्यापारी से किसी और व्यक्ति के मास्क न लगाने पर जुर्माने की वसुली जबरन की जाती है तो व्यापारी समुदाय द्वारा इस महामारी के काल में सड़क पर उतरकर विरोध करने के अलावा कोई मार्ग नहीं बचेगा।

सचिव श्री रामअवतार तोतला ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण व्यापारी वर्ग आर्थिक रूप से अपंग हो गया है। इस लड़ाई में सबसे ज्यादा तकलीफ के साथ नुकसान छोटे एवं मझोले व्यापारियों को उठाना पड़ा है क्योंकि व्यापारी को अपने परिवार का खर्च, अपने स्टाॅफ का खर्च, बैंक लोन किस्त की अदायगी, दुकान व मकान का किराये के साथ, प्रशासनिक खर्च उठाने पड़े है जिससे उसके पास तरल पूंजी का अभाव हो गया हैं । इसके साथ वह मंहगाई के बोझ तले भी दबते जा रहा है।

सरकार के द्वारा निम्न आय वाले वर्ग को अपनी तरफ से राशन एवं पैकेज समय-समय पर दिये जाते रहे है साथ ही उद्योग जगत को भी इस काल मे राहत पैकेज दिये गये। लेकिन व्यापारी वर्ग घटक ही एकमात्र ऐसा रहा जिसे सरकार की तरफ से राहत के नाम कुछ नहीं मिला एवं उनकी तकलीफों को हमेशा से ही नजर अंदाज किया जा रहा हैं जबकि व्यापारी भी जनमानस का हिस्सा है।

चेंबर के सहसचिव श्री राजवंतपाल सिंग तुली ने कहा कि अतः चेंबर सरकार से निवेदन करता है कि व्यापारी वर्ग की व्यापारिक परेशानियों को ध्यान में रखते हुये बिना पक्षपात कोविड नियम लागू करना चाहिये तथा जो नया दंड प्रक्रिया का तुगलकी फरमान जारी किया है उसको निरस्त करना चाहिये।
माननीय श्री नितीनजी राऊत ने आश्वासन दिया कि वे माननीय श्री मुख्यमंत्री श्री उद्धवजी ठाकरे से इस विषय पर चर्चा कर व्यापारियों एवं जनहितार्थ निर्णय लेंगे साथ ही उन्होंने जनमानस से आव्हान किया वे संक्रमण को पुनः फैलने से रोकने के लिये कोविड नियमों को सख्ती से पालन करें।
इस अवसर पर चेंबर के सर्वश्री – अध्यक्ष – अश्विन मेहाड़िया, उपाध्यक्ष – स्वप्निल अहिरकर, सचिव – रामअवतार तोतला एवं सहसचिव – अर्जुनदास आहुजा उपस्थित थे।

उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति द्वारा सचिव श्री रामअवतार तोतला ने दी।