Published On : Mon, Dec 3rd, 2018

प्रिंसिपल की जिद से विद्यार्थी का खतरे में भविष्य

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छात्र द्वारा लगाए गए आरोपों से प्रिंसिपल ने किया इंकार

नागपुर: काटोल रोड के कलमेश्वर स्थित नुवा इंजीनियरिंग कॉलेज के एम.टेक अंतिम वर्ष के छात्र सईद आसिफ अदनान ने कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरिफ खान पर आरोप लगाया कि उनकी करतूतों की शिकायत कॉलेज प्रबंधन से करने पर इसलिए उन्होंने विद्यार्थी का एक साल तबाह कर दिया. तो वही दूसरी ओर मैनेजमेंट का इस मामले में चुप्पी साधने से भी विद्यार्थी का साल खराब हो रहा है.

पूरे मामले में एम.टेक के विद्यार्थी अदनान सय्यद के बताया कि प्रथम वर्ष का पहला सेमिस्टर 70 % मार्क्स लेकर वह पास हुआ. दूसरे सेमिस्टर की परीक्षा दे दी, प्रक्टिकल्स के लिए वे टोपी पहन कर पंहुचा .प्रैक्टिकल देते वक़्त टोपी उतार दी थी. इसके बाद कॉलेज के प्रिंसिपल आरिफ खान ने उसे अपने केबिन में बुलाकर उस पर गलत आरोप लगाते हुए अदनान और उसके सहपाठी मुजीब साबिर व रजत मोहिले को चेतावनी दी कि तीनों को फेल कर दूंगा. जब परीक्षा रिजल्ट हाथ में आया तो प्रैक्टिकल में अब्सेंटी देखने के बाद तीनों को आश्चर्य हुआ.

फिर तीनों विद्यार्थियों ने मैनेजमेंट के सदस्य जोगी सकारिया और देबब्रता डे से मुलाकात कर प्रिंसिपल आरिफ खान की करतूतों की उन्हें जानकारी दी. उसके बाद मैनेजमेंट के सदस्यों और प्रिंसिपल के बीच बैठक हुई. बैठक के बाद तीनों विद्यार्थियों को प्रिंसिपल ने अपने कैबिन में बुलाया और अदनान को देख लेने की धमकी दी.

अदनान की जानकारी के अनुसार सिनॉप्सिस (अंतिम वर्ष के प्रोजेक्ट रिपोर्ट का समरी) प्रिंसिपल के सामने जमा करने का आधिकारिक तारीख 21 से 30 अगस्त 2018 तक थी. अदनान को हज यात्रा पर जाना था. इसलिए उसने प्रिंसिपल को तय समय पूर्व सिनॉप्सिस लेने की गुजारिश की थी,प्राचार्य ने अदनान को सिनॉप्सिस मेल करने का निर्देश दिया था. पहली बार मेल किए गए सिनॉप्सिस में कुछ बदलाव करने का निर्देश प्रिंसिपल ने दिया था. इसके बाद अदनान ने प्राचार्य के निर्देशों का पालन करते हुए दूसरी बार सिनॉप्सिस मेल किया. इसमें भी बदलाव का निर्देश प्राचार्य ने 11 अगस्त 2018 को दिया और 13 अगस्त 2018 को मिलने का निर्देश भी दिया.

जब 13 अगस्त को अदनान ने प्रिंसिपल से मुलाकात कि तो प्रिंसिपल ने कहा कि उन्होंने मेल किए गए सिनॉप्सिस को पढ़ा नहीं है. इसलिए 14 अगस्त 2018 को मिलो. अदनान को 14 अगस्त 2018 की सुबह सुबह हज के लिए निकलना था, इसलिए उसने प्रिंसिपल से कहा कि कल हज के लिए रवाना हो रहा हूँ, इसलिए कल याने 14 अगस्त को नहीं आ पाऊंगा. इस बात से गुस्साए प्रिंसिपल आरिफ खान ने अदनान से कहा कि 14 अगस्त को नहीं आए तो फेल कर दिए जाओगे. प्रिंसिपल के बर्ताव को देख अदनान ने अपने परिजनों को कॉलेज में बुला लिया. अदनान के परिजनों ने प्रिंसिपल से मुलाकात कर चर्चा करनी चाही तो प्रिंसिपल ने उन्हें झड़क दिया और 14 अगस्त को मिलने की बात कही. इस पर अदनान के परिजन ने प्रिंसिपल से कहा कि ऐसे बर्ताव पर हमें पुलिस प्रशासन की मदद लेनी पड़ेगी.

इसके बाद 13 अगस्त को ही अदनान के परिजन अदनान के साथ कलमेश्वर पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दर्ज करने पहुंचे ही थे कि प्रिंसिपल थाने पहुँचे और थाने में कॉलेज मैनेजमेंट को भी बुलवा लिया .इस बाद पुलिस ने अदनान के परिजनों से कहा कि अदनान का कैरियर का सवाल हैं, इसलिए शिकायत दर्ज करने के बजाय आपसी-समझौता कर लो. तब तक मैनेजमेंट के आधा दर्जन सदस्य स्टेशन सदस्य पहुँच गए थे. मैनेजमेंट के सदस्य जोगी ने अदनान को शिकायत वापिस लेने का निवेदन किया और यह भी आश्वस्त किया कि भविष्य में कोई तकलीफ नहीं होगी. अदनान ने शिकायत वापिस ले ली.

क्यूंकि 14 अगस्त को अदनान को हज के लिए रवाना होना था, जिसे रद्द कर 14 अगस्त को ही अदनान ने सिनॉप्सिस को लेकर प्रिंसिपल से मुलाकात की. लेकिन प्रिंसिपल के बर्ताव में कोई भी सुधार नहीं दिखा, उन्होंने सिनॉप्सिस को एक्सेप्ट नहीं किया. इसके बाद अदनान ने फोन से कलमेश्वर पुलिस निरीक्षक से संपर्क कर उन्हें इस ताजा घटना से अवगत कराया. क्यूंकि मामला नागपुर यूनिवर्सिटी से सम्बंधित हैं, इसलिए अदनान को यूनिवर्सिटी में शिकायत दर्ज करवाने का सुझाव दिया . बाद में अदनान ने 16 अगस्त को यूनिवर्सिटी में लिखित शिकायत दर्ज करवाई, साथ ही लगभग आधा दर्जन विद्यार्थियों ने शिकायत दर्ज करवाई थी.

सिनॉप्सिस जमा करवाने की अंतिम तारीख 30 अगस्त 2018 थी. अंतिम दिन भी प्रिंसिपल से सिनॉप्सिस जमा करवाने का निवेदन अदनान द्वारा किया गया. लेकिन प्रिंसिपल ने यह कह कर सिनॉप्सिस स्वीकार नहीं किया क्यूंकि उन्हें जानकारी मिल चुकी थी कि अदनान ने यूनिवर्सिटी में शिकायत की हैं. कुछ दिनों बाद प्रिंसिपल ने अदनान को महाविद्यालय से एक पत्र मेल किया गया, उस पत्र में दिया गया था कि मैनेजमेंट के खिलाफ यूनिवर्सिटी में शिकायत करने पर आपको जब तक जाँच जारी हैं, तब तक ‘सस्पेंड ‘ किया जाता हैं. इसके बाद अदनान ने कई कई बार प्रिंसिपल आरिफ खान से माफ़ी मांग परीक्षा में बैठने का मौका देने की मांग की. लेकिन प्रिंसिपल ने कहा कि जाँच जारी हैं, तब तक हम कुछ नहीं कर सकते हैं. इस मांग को लेकर अदनान नियमित प्रबंधन समिति सदस्यों से मुलाकात कर वर्ष ख़राब न हो इसलिए परीक्षा में बैठने देने की मिन्नत करता रहा, लेकिन वे टालमटोल करते रहे. परीक्षा में बैठने हेतु आवेदन करने की अंतिम तिथि 5 दिसम्बर 2018 हैं.

29 ,30 नवंबर और 1 दिसंबर को अदनान ने कॉलेज के मैनेजमेंट कमेटी के प्रमुख सारंग राउत से मुलाकात की और अपनी बात बताई. इस पर राऊत ने अदनान को सलाह दी कि वह कॉलेज छोड़ दे, इसी में उसकी भलाई हैं. इसमें इससे जुड़े अदनान के एक साथी विद्यार्थी मुजीब साबिर का परीक्षा का आवेदन पत्र स्वीकार कर लिया गया था,पलाश कुर्वे को प्रथम वर्ष में हॉल टिकट नहीं दिए थे इसलिए उसने कॉलेज छोड़ दिया.

इस बारे में कॉलेज के प्रिंसिपल आरिफ खान ने अदनान द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद और झूठा बताया. उन्होंने बताया कि अदनान चाहता था कि बिना कुछ काम किए वे उसके सिनॉप्सिस पर साइन कर दे. उन्होंने बताया कि वह सिनॉप्सिस का प्रोपोजल मोबाइल पर लेकर आया था. जिस पर उसको बताया गया था कि यह एमटेक का प्रोपोजल है सालभर चलेगा. यह काम मोबाइल पर नहीं होगा. इसमें डेज़र्टेशन की प्लानिंग होती है. यहां से निकलने के बाद अदनान 7 से 8 लड़कों को लेकर आया. जब वे कॉलेज से निकले तो उन लड़कों ने उन्हें घेर लिया और जबरन वह लड़के उन्हें अपनी गाड़ी में बिठाने लगे. जिसके बाद उनकी कलीग ने पुलिस स्टेशन फ़ोन लगाया. इस पुरे मामले की जानकारी उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी में भी की है.

प्रिंसिपल आरिफ ने बताया कि अदनान द्वारा जबरन उनके खिलाफ काउंटर शिकायत की गई है. उनकी कॉलेज में किसी से भी पर्सनली दुश्मनी नहीं है. अदनान ने उनकी झूटी कम्प्लेंट यूनिवर्सिटी में की थी. जिस लड़के को अदनान और उसके पिता ने खड़ा किया था. उसने खुद ही बताया की अदनान और उसके पिता प्रिंसिपल को फसांने के लिए यह सब कर रहे है. उन्होंने बताया कि वह साल भर क्लास भी नहीं आया है.

इस पुरे मामले में प्रिंसिपल के आरोपों पर छात्र अदनान सय्यद ने कहा कि वे प्रिंसिपल से मिलने गुंडे को लेकर नहीं अपने परिजनों के साथ गए थे. यह बात पुलिस स्टेशन में भी पता है. यह आरोप पूरी तरह से झूठे है. मेरे पिता ने प्रिंसिपल को अंदर जाकर बात करने का निवेदन किया था. क्लास में रोजाना जाना जरुरी नहीं है.प्रेजेंटी की किसी भी तरह से कोई समस्या नहीं है. ज्यादातर छात्र कॉलेज नहीं आते है. अदनान का कहना है कि उनके इस मामले के बाद कॉलेज द्वारा प्रेजेंटी और रिकॉर्ड रखना शुरू किया गया है.