नागपुर: एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ़ इंडिया ) ने बढ़ती बेरोजगारी को लेकर विरोध स्वरुप रोजगार भवन का नाम बदलकर बेरोजगार भवन लिख दिया. एनएसयूआई नागपुर जिले के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने शिक्षित युवाओ में दिन ब दिन बढ़ती बेरोजगारी को लेकर सिविल लाइन स्थित प्रशासकीय इमारत क्रमांक 2 स्थित रोजगार भवन में कौशल्य विकास,रोजगार व उद्योगगता विभाग में संचालक कार्यालय से जानकारी ली. जिसमें यह पता चला कि कार्यालय के पास युवाओं को देने के लिए कोई भी रोजगार नहीं है. जिसके कारण एनएसयूआई के पदाधिकारियों और विद्यार्थियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान एनएसयूआई के महाराष्ट्र प्रदेश उपाध्यक्ष अजित सिंह ने कहा कि इस कार्यालय में लाखों शिक्षित बेरोजगारों ने रोजगार के लिए यहां आवेदन किया है. लेकिन यहां से केवल करीब 200 लोगों को ही रोजगार मिला है. इसमें से किसी का भी वेतन 10 हजार से ज्यादा नहीं है.
इस समय मौजूद प्रदेश सचिव अभिषेक सिंह ने कहा कि कभी 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की बात करनेवाली सरकार आज पूरी तरह से रोजगार के मुद्दे पर चुप क्यों है. रोजगार नहीं मिलने से कई युवा गलत राह पर और गलत संगत में पड़कर बर्बाद हो रहे हैं. इसके लिए पूरी तरह से सरकार ही जिम्मेदार है. क्योंकि सरकारी कार्यालय के पास उचित रोजगार उपलब्ध नही है. सिंह ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ”
कौशल विकास’ व ‘प्रमोद महाजन अभियान’ आज पूरी तरह से फेल हो चुका है.
इस दौरान पदाधिकारियों ने बेरोजगारी भत्ता अर्थात रोजगार देने की मांग की है. साथ ही रोजगार भवन का नाम बदलकर बेरोजगार भवन लिख दिया और कहा कि जब तक युवाओं को यह कार्यालय रोजगार नहीं देता इसका नाम बेरोजगार भवन होगा. इस प्रदर्शन में मुख्य रूप से एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रतिनिधि आशीष मंडपे, प्रतीक कोल्हे, रोशन कुम्भलकर, नागेश गिरहें, वैष्णवी भारद्वाज व अन्य मौजूद थे.