Published On : Tue, Jan 23rd, 2018

अब माइनॉरिटी स्टूडेंट्स को फेलोशिप के लिए पास करना होगा नेट

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Maulana Azad National Fellowship
नागपुर: अल्पसंख्यक समुदाय के स्टूडेंट्स जो उच्च शिक्षा हासिल करने की ख्वाहिश रखते हैं और मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप हासिल करना चाहते हैं, उन्हें अब नैशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी नेट पास करना जरूरी होगा. यूजीसी ने हाल ही में अपनी गाइडलाइंस में कुछ परिवर्तन करते हुए कहा है कि अब नेट के नतीजों पर निर्भर करेगा कि किस स्टूडेंट को फेलोशिप मिलेगी और किसे नहीं.

संशोधित गाइडलाइंस के मुताबिक, ‘सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन यानी सीबीएसई और काउंसिल ऑफ साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) की ओर आयोजित होने वाली नेट की परीक्षा में हासिल होने वाले अंक के आधार पर ही अल्पसंख्यक समुदाय के स्टूडेंट्स का फेलोशिप के तहत चयन किया जाएगा. स्कॉलरशिप के लिए संशोधित नियम उन स्टूडेंट्स पर लागू होगा जो इस साल से फेलोशिप के लिए अप्लाई करेंगे.

सीबीएसई और सीएसआईआर हर साल अलग-अलग नेट परीक्षा का आयोजन करते हैं जिसके तहत जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए कैंडिडेट्स की पात्रता की जांच की जाती है. नेट-यूजीसी की ओर से सीबीएसई द्वारा जो नेट परीक्षा का आयोजन होता है उसमें विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में टीचिंग पोजिशन के लिए योग्य कैंडिडेट्स का चुनाव किया जाता है. पिछले साल तक मौलाना आजाद नैशनल फेलोशिप हासिल करने के लिए अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स को सीबीएसई-नेट, सीएसआईआर -नेट को क्लियर करना जरूरी नहीं था. यह फेलोशिफ केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से दी जाती है. लेकिन अब इस फ़ेलोशिप के लिए नेट की परीक्षा पास करना जरूरी होगा.