Published On : Mon, Nov 21st, 2016

आम जनता के लिए नहीं शादी-पार्टियों के लिए खोला जा रहा बॉटनिकल गार्डन

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botanical garden nagpur

नागपुर: साल भर से अधिक समय बीतने के बंद पड़ा बॉटनिकल गार्डन एक बार फिर खुलने के लिए तैयार है। नई निविदा के मुताबिक बॉटनिकल गार्डन एक नवंबर को शुरू कर दी जानी चाहिए थी, लेकिन हकीकत में बगीचा अब भी आम लोगों की पहुंच से बाहर होता दिखाई दे रहा है। इस बार बगीचा संचालक ठेकेदार की रुचि बगीच में आम लोगों को प्रवेश देने के बजाए बजाए शादी ब्याह कराने में अधिक दिखाई दे रही है। यही वजह है कि निविदा नए ठेकेदार के नाम हुए 20 दिन बीतने पर भी बगीचा आम लोगों शादी ब्याह समारोह के लिए खोला गया है।

गौर करनेवाली बात है कि बॉटनिकल गार्डन को आम लोगों के लिए पेड़ पौधों की विभिन्न प्रजातियों की जैव विविधता पहचनाने के लिए खोला गया था। इसके लिए सरकार से करोड़ों में निधि भी मिली थी। लेकिन बगीचे के रखरखाव के लिए ठेका पध्दति अपनाए जाने से इसमें निविदा प्रक्रिया अपनाई गई। लेकिन इस निविदा प्रक्रिया ने ठेकेदारों के मन में लालच पैदा कर दिया। लाखों रुपए की निविदा के माध्यम से करोड़ों के वारे न्यारे करने का मनसूबा हमेशा रहा। अब यह कोई छिपी बात नहीं रह गई कि बगीचा पहुंचनेवाले प्रेमी युगलों से प्रवेश टिकिट के अलावा भी अतिरिक्त उगाही भी की जाती थी।

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सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीकेवी (पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय) के इस बगीचे का ठेका पांच साल के लिए दिया गया। प्रथम वर्ष ठेकेदार से 71.50 लाख रुपए लिए गए हैं। जबकि हर साल इस दर में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जाएगी।

पंजाबराव कृषि विद्यापीठ द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक उक्त ठेकेदार को पहले पाँच साल का ठेका 71.50 लाख रुपए सालाना की दर से दिया गया था। यह ठेका 1 नवम्बर 2016 को ठेकेदार के नाम किया गया। निविदा की शर्तों के अनुसार ठेकेदार को हर साल 10% की बढ़ोत्ती करनी थी। वहीं ठेकेदार के मुताबिक उन्हें यह ठेका 10 साल के लिए दिया गया था। इसी समूह को तेलंखेड़ी गार्डन काठेका अगले 6 वर्षों के लिए दिया गया है। यह गार्डन 25 लाख रुपए प्रति वर्ष की दर से दी गई है। इस बगीचे का भी ठेका सालाना 10 %की दर से बढ़ाया जाएगा। पहले ही साल इन दोनों बगीचों से विश्वविद्यालय प्रशासन को पहले ही साल 95 लाख रुपए हासिल हुए हैं।

इससे इस बात का साफ अनुमान लगया जा सकता है कि जब दोनों बगीचे एक ही संचालक के अधीन हैं तो आम नागरिकों के हितों से ज्यादा प्रेमी युगलों से धन उगाही पर ज्यादा ध्यान रहता होगा। इन बगीचों में पहले भी शादी समारोह बड़े पैमाने पर होते हैं। शादी समारोह की फीस ठेकेदार वसूल करता है। ऐसे में शरह के ढनाढ्य वर्ग का इन बगीचों में पार्टियां मनाने की ललक बनी रहती है। जानकारी मिली है कि दोनों बगीचों में एक समारोह के लिए तकरीबन 1.50 लाख रुपए तक अदा चुकाने पड़ते हैं।

पहले यहां परिवार के सदस्य कम प्रेमी जोड़ों का तांता रोज लगा रहता था। अब दोनों गार्डन फिर से शुरू होनेवाले हैं। जिससे फिर एक बार बगीचा प्रेमी युगलों की रासलीला का केंद्र बनने की आशंका है। जानकारी प्राप्त हुई है अब बगीचे की एंट्री फीस भी 10 रुपए प्रति व्यक्ति से बढ़ाकर 20 रुपए प्रति व्यक्ति किया जाएगा। केवल यही नहीं बगीचे के भीतर ही बने साइकल स्टैंड का ठेका भी निविदाधारक ठेकेदार के ही नाम है। साइकल स्टैंड दरों में भी बढ़ोत्तरी देखने मिल सकती है।

बताया जाता है कि दोनों बगीचों से ठेकेदार को 20 से 30 हजार रुपए प्रति दिन आवक का अनुमान है। गार्डन और साइकल स्टैंड को अगर अलग अलग ठेते पर देने से मूल ठेकेदार को इससे तकरीबन 3 लाख रुपए हर माह कम मिलने की संभावना रहती। बगीचे के भीतर दो कैफिटेरिया है। एक प्रवेश पर तो दूसरा गार्डन के मध्य भाग में एक टॉवर पर है। इन रेस्टॉरेंट से भी रोजाना अच्छी-खासीअवाक का अनुमान है। एक अनुमान के मुताबिक ठेकेदार को दोनों गार्डन के लॉन में सालाना 300 शादी-समारोह की बुकिंग मिलती है तो तो सालाना कमसे कम 4 से 5 करोड़ का मुनाफा ठेकेदार को होने की संभावना है।

ध्यान देनेवाली बात है कि तेलंखेड़ी गार्डन में जगह सीमित है, तो वहीं बॉटनिकल गार्डन में शहर भर केयुवाओं के लिए आपार जगह है। इस गार्डन के शुरू होने से सिविल लाइन्स,मुख्यमंत्री निवास मार्ग,फुटाला तालाब पर लगने वाली युवाजोड़ो की भीड़ को जरूर कम कर देगी। अब सवाल जनहित का यही है कि ये दोनों बगीचे आम लोगों के लिए कब से शुरू किए जाएंगे। साथ ही निविदा धारक समूह में कौन कौन शामिल है, इसमें कोई संदिग्ध तो शामिल नहीं है यह भी एक बड़ा सवाल है।

तेलंखेड़ी गार्डन और बॉटनिकल गार्डन के ठेकेदार ने आम नागरिकों के लिए प्रवेश बंद कर रखा है। जबकि टेंडर उक्त दोनों गार्डन की एंट्रीटिकट,पार्किंग और कैफेटेरिया के लिए हुई है। ठेकेदार द्वारा सिर्फ शादी-समारोह के लिए उक्त गार्डन शुरू कर कार्यक्रम ख़त्म होने केबाद इसे फिर बंद कर दिया जाता है। सूत्रों के मुताबिक तेलंखेड़ी गार्डन पहली बार 20 नवम्बर 2016 को किसी अग्रवाल के शादी के रिसेप्शन के लिए खुलेगा। जानकारी मिली है कि इस समारोह के लिए लगभग 2 लाख रूपए की मोटा किराया वसूल किया गया है। नियम और शर्तों के मुताबिक गार्डन बंद करने के अनिवार्य कारण सार्वजानिक रूप से प्रदर्शित करना जरूरी है।

लेकिन केंद्र और राज्य के दिग्गज राजनेताओं के शहर में सरकारी कृषि विद्यापीठ की हज़ारो एकड़ की सार्वजानिक संपत्ति पर अब बिना वजह ताला जड़ दिया जाना किस तरह के अच्छे दिन कीसंकल्पना है। ऐसे मामलों में कृषि विश्वविद्यालय प्रबंधन की चुप्पी, खाकी पर खादी के दबाव को आसानी से समझा जा सकता है।   जानकारी मिली है कि तेलंखेड़ी तालाब के किनारे गोवा जैसी बीच कैफेटेरिया शुरू करने की मंशा ठेकेदार की है। और अब शादीसमारोह जैसे आयोजनोंके लिए खुले लॉन के लिए कम से कम 3 लाख रुपए वसूलने की योजना बना रहे है। उल्लेखनीय यह है कि मुख्य ठेकेदार केजरीवाल हैजो क्रिकेट सट्‌टा बाजार में बड़ा नाम है, उक्त ठेके हासिल करने के लिए अधिकांश राशि उसकी के द्वारा निवेश किया है।
 
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