नागपुर: नागपुर महानगरपालिका की जर्जर माली हालत पर काबू पाने के लिए सम्पत्ति कर विभाग की तर्ज पर जलप्रदाय विभाग भी सख्त रुख अख्तियार करने के मूड में नज़र आ रहा है. मनपा के जलप्रदाय समिति सभापति पिंटू झलके ने बताया कि इस सन्दर्भ में जल्द ही एक उच्च स्तरीय अहम बैठक लेकर शहर के बकायेदारों के खिलाफ कड़ा अभियान फिर शुरू करने की पहल की जा सकती है.
झलके ने बताया कि जलापूर्ति विभाग का ख़र्च करोड़ों में है, वहीं जलकर बकायेदारों की बकाया राशि भी करोड़ों में पहुंचने से विभाग आर्थिक अड़चन में आ गया है. मनपा प्रशासन ने बकायादारों को लाभ पहुँचाने के लिए ‘एमीनेस्टी स्कीम’ तक शुरू की, लेकिन उम्मीद के अनुरूप मनपा प्रशासन को सफलता नहीं मिली.
झलके के अनुसार जल्द ही इसी माह जलप्रदाय विभाग के बकायेदारों से निजात पाने के लिए मनपा प्रशासन, जलप्रदाय विभाग व जलप्रदाय समिति के पदाधिकारी और विभाग से सम्बंधित विशेषज्ञ की उच्च स्तरीय बैठक ली जानेवाली वाली है. इस बैठक में संभवतः बकायादारों को अल्पकालीन अवसर देकर बकाया चुकाने का मौक़ा दिया जाएगा. फिर भी बक़ाया अदा न करनेवालों का कनेक्शन काट दिया जाएगा.
याद रहे कि मनपा जल कर बकायेदारों की फेरहिस्त काफी लंबी चौड़ी है. इसमें ऐसे भी बकायेदार हैं जिन पर करोड़ों-लाखों रुपए बकाया है.
इस दफे मनपा प्रशासन की बकाया वसूली सम्बन्धी अफियान के लिए दल-बल का भी प्रयोग किया जा सकता है. बकायेदार जो नियमित जल कर भर रहे है, उनकी पुराने बकाया राशि के वसूली सम्बन्धी महत्वपूर्ण निर्णय भी ले सकते हैं.
झलके ने बताया कि उच्च स्तरीय चिंतन बैठक में सम्पत्तिकर विभाग को भी आमंत्रित किया जाएगा. इसमें बकाएदारों के संपत्ति कर में जलकर जोड़ा जा सकता है या नहीं इस पर शोध किया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि प्रशासन का बकायेदारों के खिलाफ सख्ती भरा सह प्रयास मनपा की आर्थिक हालात को सुधारने में रामबाण सिद्ध हो सकता है. इस अभियान से मनपा प्रशासन ७५ से ८०% बकाया वसूली पर जोर देने वाली है.

