नागपुर: उत्तर नागपुर के सुगत नगर में हाईटेंशन लाइन के नीचे खेल रहे दो बच्चों की मृत्यु के मामले में न्यायालय ने नागपुर सुधार प्रन्यास को जमकर फटकार लगाई. भविष्य में न्यायालयीन कार्रवाई से बचने के लिए नासुप्र नागपुर शहर के चारों ओर बाहरी इलाकों से गुजरने वाली हाईटेंशन लाइन के नीचे या इर्द-गिर्द रहने वाले नागरिकों को धड़ल्ले से अलगे ३० दिन के भीतर जगह खाली करने का नोटिस थमा रही है. इससे आम नागरिकों का त्योहारों के मौसम में जनजीवन सहमा-सहमा सा हो गया है. अब तक उक्त नोटिस से पीड़ित हज़ारों नागरिकों के प्रतिनिधि नगरसेवक पुरुसोत्तम हज़ारे, हरीश ग्वालवंशी, धर्मपाल मेश्राम, बंटी कुकड़े आदि नासुप्र व मनपा प्रशासन से मुलाकात कर एक ओर रहवासियों पर कार्रवाई न करने की मांग की तो दूसरी ओर हाईटेंशन लाइन को भूमिगत करने की भी मांग की.
उक्त समस्या से नाराज कांग्रेस के नगरसेवक पुरुषोत्तम हज़ारे बुधवार को प्रभाग २५ के नोटिस प्राप्त लगभग ३०० नागरिकों का मोर्चा लेकर नागपुर सुधार प्रन्यास पहुंचे. सभापति डॉक्टर दीपक महैस्कर अनुपस्थित थे. ऐसे में प्रशासन द्वारा सक्षम अधिकारी नियुक्त न किए जीने असक्षम अधिकारी से मिल नागरिकों की समस्या से उन्हें अवगत करवाए. उक्त अधिकारी ने अपने जवाब में हज़ारे से कहा कि वे इस मामले में कोई मदद नहीं कर सकते हैं. उनका निवेदन नासुप्र सभापति तक जरूर पहुंचा दिया जाएगा.
हज़ारे ने जानकारी दी कि प्रभाग २५ में पिछले ५-६ दिनों के भीतर नासुप्र ने लगभग ३५० नागरिकों को नोटिस जारी किया है. नोटिस के हिसाब से बिजली लाइन से सटे मकान के साथ निर्माणकार्य को अवैध दर्शाया गया है. जबकि नासुप्र ने ही इस परिसर के प्लॉटधारकों को जैसे-जैसे ‘आरएल’ का पत्र दिया, उसके बाद ही निर्माणकार्य किया गया है. बावजूद इसके नासुप्र प्रशासन ने बिना प्रत्यक्ष जांच-पड़ताल के ३००-३५० घरों को सप्ताह भर के भीतर नोटिस थमा दिए. हाईटेंशन लाइन पिछले १५-१६ वर्षों से हैं और बस्तियां २५-३० वर्ष पुरानी हैं. बस्ती बसने के कहीं – कहीं पहले खंभे खड़े थे तो कहीं -कहीं खम्बों पर तार खींची जा चुकी जरूर थी लेकिन उसमें बिजली प्रवाहित नहीं होती थी. अभी-अभी कुछ वर्षों से बिजली प्रवाहित हो रही है. जब से बिजली प्रवाहित हो रही है कुछ जगह घटनाएं भी हुईं.
हज़ारे ने मांग की है कि यह इलाका स्मार्ट सिटी अंतर्गत आरक्षित हैं,इसलिए स्मार्ट सिटी के नियोजन की तर्ज पर ओवरहेड हाईटेंशन लाइन को भूमिगत कर दिया जाए, वैसे भी नागपुर शहर का चयन भूमिगत बिजली केबल के लिए चयनित शहरों में है.