Published On : Sat, Dec 13th, 2014

यवतमाल : अवैध साहुकारों का बोझा नहीं हुआ हलका

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101 लायसंसधारक साहुकार, सीएम पॅकेज भुलावा

Fadanvis
यवतमाल। बैंक के चक्कर काटनेवाले और साहुकार की ओर जानेवाले किसानों की संख्या लाख के उपर हे. कमसे कम दस करोड़ का कर्जा किसानों ने लिया है. लेकिन लायसंसधारक साहुकारों का ही कर्जा सरकार भरेंगी, जिससे जिले के किसानों के लिए सीएम का पॅकेज केवल भुलावा साबीत हो रहा है. यवतमाल जिले में 101 लायसंसधारक साहुकार है, जिन्होंने किसानों को कर्ज वितरीत किया नहीं, जिससे मुख्यमंत्री फडणविस द्वारा की गई घोषणा का लाभ जिले के किसानों को नही होगा. अवैध साहुकारो द्वारा लिए गए कर्जे का बोझ किसानों पर हमेशा रहेगा. जिले के राष्ट्रीयकृत, मध्यवर्ती सहकारी बँक से हजार करोड का कर्जा लिया गया. लेकिन जिन किसानों को बँक ने कर्ज नही दिया उन्होंने साहुकार से कर्ज लिया. जिले में 200 से ज्यादा अवैध साहुकारों की ओर किसानों ने अपनी अर्धांगणी के गहने गीरवी रखे है  तो कुछ ने अपनी जमिन का खरेदी खत ऐसे साहुकारों के नाम किया है. ऐसे साहुकारों से किसानों ने दस करोड का कर्ज लिया है. लेकिन सभी साहुकार लायसंसधारक न होने से किसी भी किसान कों इसका लाभ नहीं हो सकेगा.

यवतमाल जिले में किसानों की संख्या
अत्यल्पभूधारक किसान – 28,640
अल्पभूधारक  किसान – 1,61,227
बहूभूधारक किसान – 2,27,535
कुल किसान 4,17,402

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कुछ कृषीकेंद्र संचालक ही साहुकार खरीप फसल के लिए पैसों की जरूरत ध्यान  में लेकर देहातों के किसानों ने बुआई के लिए कृषी केंद्रचालक की ओर से  बीज, उर्वरक और किटकनाशक खरीदा. इसके लिए कृषीकेंद्र चालक ने उधारी पर  उर्वरक, किटकनाशक, बीज और खेती के लिए लगनेवाली सामग्री भी तीन से चार  टका ब्याज से दी. जिससे इन किसानों का कर्जा कैसे माफ होगा, यह सवाल उपस्थित हो रहा है. जिले के 16 तहसील में 1300 से ज्यादा कृषिकेंद्र चालक है. हर तहसील में कही पर 2 तो कही 3 से 4 फिसदी ब्याज से कृषी निविष्ठों की बिक्री की जाती है. इसकी रबी मौसम में होनेवाली ब्याज की वसुली करोंड़ों के पास होने की जानकारी एक कृषीकेंद्र चालक ने दी है.

Farmer
जिले में 101 लायसंसधारक साहुकार की संख्या है. उन्होंने 6 हजार 736 बिगर किसानों को 12 से 15 फिसदी ब्याजदर से 5 करोड 14 लाख 65 हजार रूपयों का कर्ज वितरीत किया. इसमें एक भी किसान नही होने से उन्हें पैकेज का लाभ नहीं मिलेगा. किसान कृषिकेंद्र से एकसाथा 30 से 35 हजार रूपयों की कृषी सामग्री खेरीदता है. जिससे उसका ब्याज भी आधे से से ज्यादा होता है. लेकिन किसान जरूरत होने से बीज, उर्वरक और कीटकनाशक खरीदता है. कुछ कृषीकेंद्रचालक  ग्रामीण क्षेत्र के साहुकारों से ज्यादा कमाई करते है. लेकिन शिकायत न होने से उनपर कार्रवाई नही होती.

1870 अपात्र किसानों को मदत की आस- जमिन का सातबारा है लेकिन जमिन नाम पर नही, बँक का कर्ज सिर पर है लेकिन कागजाद पिता या अन्य व्यक्ति के नामपर है, ऐस परिवारों के किसानों नेअपनी जीवनयात्रा खत्म की. उनके परिवार को कोई लाभ नही मिल पाया. अब नए पैकेज से उन्हे लाभ मिलने की उम्मीद है. ऐसे किसानों की संख्या 1 हजार 870 के पास है. जिन किसानों पर बकाया कर्ज है उन्हें सरकार द्वारा 1 लाख की सहायता मिलती थी, लेकिन चालू कर्ज होने पर कोई लाभ नही मिलता था, ऐसे किसानों को मुख्यमंत्री फडणविस ने पैकेज में शामिल किया है. जिससे अपात्र किसानों को भी सहायता की उम्मीद है. गत 14 वर्ष से परेशान किसानों को उसका लाभ मिलेगा. ब्याजमाफी से राहत – फसल ना होने  से और कुदरती संकट से किसानों ने लिए कर्ज को लौटाना संभव नही हों सका. उनका 100 करोड़ का कर्ज सरकार भरेगी, जिससे किसानों को थोड़ी राहत मिली है.

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