Published On : Sat, Apr 20th, 2019

नहीं कम हो रहा सीमेंट सड़क निर्माण से परेशानियों का सिलसिला

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नागपुर: आरेंज सिटी में कुछ वर्ष पहले से आरंभ हुआ सीमेंट रोड निर्माण का सिलसिला अभी भी चल रहा है. जहां काम पूरा हो गया, वहां के लोगों ने जरूर राहत की सांस ले ली है, मगर जहां पर अभी भी काम चल रहा है, वहां पर परेशानियों का सिलसिला बदस्तूर जारी है. जहां पर काम चलता है वहां का व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया, ट्राफिक जाम, दुर्घटनाएं आदि होते रहती है. निर्माण कार्य की गति धीमी होने से परेशानी आम लोगों को सहनी पड़ रही है. कुछ इस तरह की ही समस्याओं से इन दिनों नरेंद्रनगर पुलिया से लेकर मानेवाड़ा रोड के बीच से गुजरनेवाले राहगीरों और नागरिकों को होना पड़ रहा है. यहां पर ट्राफिक सिस्टम पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है.

गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य नहीं
समय-समय पर विविध संगठनों द्वारा कामों में गुणवत्ता और समय सीमा में निर्माण कार्य निपटाने के मामले में फिसड्डी साबित हो रहे ठेकेदारों के खिलाफ आवाज भी उठाई गई, बावजूद इसके समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. संबंधित विभाग के अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण ही काम में विलंब हो रहा है व परेशानी आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. प्रशासनिक नजरअंदाजी के कारण आसपास के रहवासी, जिस मार्ग पर सीमेंट सड़क का निर्माण हो रहा उससे बाधित होने वाले दूकानदार, ग्राहक वर्ग और आवाजाही करने वाले अड़चन में आ जाते हैं. ऐसा ही कुछ आलम इन दिनों छत्रपति चौक से लेकर मानेवाड़ा के बीच रिंग रोड पर अलग-अलग चल रहे कामों की वजह से दिखाई दे रहा है.

लेटलतीफी से हलाकान जनता
इस रिंग रोड पर कहीं बाएं हिस्से में तो कहीं दाएं हिस्से में काम चल रहा है. उक्त मार्ग का जायजा लेने पर त्रस्त नागरिक, आवाजाही करने वाले, दूकानदारों का कहना है कि उनका विरोध विकास के कामों को लेकर नहीं है. विकास तो होना ही चाहिए. सीमेंट रोड निर्माण से भविष्य में उन्हीं लोगों को लाभ मिलनेवाला है, मगर लेटलतीफी पर किसी भी तरह का अंकुश नहीं होने से जो परेशानी झेलनी पड़ रही है, वह दूर होनी चाहिए.

रिंग रोड के निकट के नागरिक त्रस्त
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि ठेकेदारों की मनमानी पर रोक लगनी चाहिए. कछुआ गति से जारी निर्माण कार्य की वजह से स्थानीय दूकानदारों को काफी नुकसान हो रहा है. रोज की आवक बंद होने से घर का खर्चा तक निकालना दूभर हो रहा है. छत्रपति चौक से लेकर मानवाड़ा के बीच अनेक बस्तियां बसी हुई हैं. यहां पर बड़ी संख्या में रह रहे नौकरीपेशा लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मनीषनगर, ओंकारनगर, शताब्दी चौक, बेलतरोड़ी, बेसा, मानेवाड़ा, गुरुदेवनगर, उदयनगर आदि इलाकों के लोग बुरी तरह से इस समस्या से प्रभावित हैं. लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान संबंधित विभाग की ओर से निकाला जाना चाहिए.