नागपुर: मनपा आमसभा में कांग्रेस कोटे से वर्त्तमान पक्ष नेता तानाजी वनवे द्वारा प्रस्तुत किशोर जिचकर को मनोनीत पार्षद ( नगरसेवक ) का प्रस्ताव आया.महापौर द्वारा विषय का पुकारा होते ही पूर्व कांग्रेस पक्ष नेता संजय महाकालकर, संदीप सहारे व मनोज संगोले ने इस विषय को फिलहाल स्थगित कर अगले आम सभा में रखने की पुरजोर मांग की.जबकि इस मामले में कल गुरुवार को उच्च न्यायालय ने किशोर जिचकर के पक्ष में निर्णय दिया था. सत्तापक्ष संदीप जोशी ने उक्त मामले पर विराम लगाते हुए महापौर से मांग की कि न्यायालय के अधीन रहकर इस विषय को मंजूरी प्रदान की जाये, जिसे महापौर नंदा जिचकर ने स्वीकार करते हुए मंजूरी प्रदान कर जिचकर को कांग्रेस कोटे से मनोनीत पार्षद घोषित किया।
महाकालकर ने सभागृह में उक्त मांग के सन्दर्भ में जानकारी मांगी कि विषय पत्रिका में कांग्रेस पार्टी का उल्लेख किया गया है,क्या इस सन्दर्भ कांग्रेस पार्टी का अधिकृत पत्र मनपा प्रशासन को प्राप्त हुआ है क्या ? उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद इस विषय को आनन-फानन में मंजूरी देने के बजाय सर्वोच्च न्यायालय में हम उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ अपील करने वाले है,तबतक इस विषय को स्थगित रखने की मांग की.
मनपा विपक्ष नेता तानाजी वनवे के नित से क्षुब्ध वरिष्ठ कांग्रेसी नगरसेवक संदीप सहारे ने भी इस विषय का विरोध करते हुए कहा कि वनवे ने कांग्रेस का दूसरा गुट निर्माण व पंजीकृत करते वक़्त जो नियमावली तैयार की थी उसका पालन न करने के कारण उन्होंने इस विषय को स्थगित करने की मांग की.वनवे गुट से अलग – थलग रहने वाले कांग्रेसी नगरसेवक मनोज संगोले ने भी जबतक कांग्रेस पक्ष के नगरसेवकों में एकमत नहीं हो जाता,इसलिए इस विषय को अगली सभा में लाये।
वही दूसरी ओर वनवे गुट के प्रतोद कांग्रेसी पार्षद प्रफ्फुल गुरधे पाटिल ने जिचकर के समर्थन व महाकालकर,सहारे का विरोध करते हुए सभागृह में जानकारी दी कि उक्त विषय को रोकने का सवाल अर्थहीन है.उठाये गए मामले पार्टी-अंतर्गत मामला है.वनवे के नेतृत्व में कांग्रेस का ही एक गुट पंजीकृत हुआ है,इसके लिए अलग से पार्टी के पत्र/आदेश की जरूरत नहीं है. इसलिए उच्च न्यायालय के आदेश पर मनपा प्रशासन/महापौर ने उक्त विषय को मंजूरी प्रदान करते हुए जिचकर को मनोनीत नगरसेवक बनाये जाने की घोषणा की जाये।
इस विषय में सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी ने हस्तक्षेप करते हुए महाकालकर के गुजारिश का मान रखते हुए महापौर से गुजारिश की कि महाकालकर सर्वोच्च न्यायालय जाये,वहां के निर्णय का मान रखते हुए भविष्य में कार्रवाई की जाएंगी फ़िलहाल जिचकर के मनोनयन को मंजूरी प्रदान की जाये।पश्चात् महापौर ने महाकालकर,सहारे,सांगोले के विरोध के बावजूद मंजूरी प्रदान की.
उल्लेखनीय यह है कि कल उच्च न्यायालय में जिचकर के मनोनयन को मिली सफलता के बाद आमसभा को लेकर पार्टी के नगरसेवकों की बैठक हुई.बैठक में संदीप सहारे ने पक्षनेता वनवे के करतूतों को उजागर करते हुए उपस्थितों को जानकारी दी कि वनवे ने सभी के मदद से पक्ष नेता बनने के बाद खुद की ढाई करोड़ की फाइल मंजूर करवा ली,वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के अन्य व नए नगरसेवकों की मामूली फाइल प्रशासन अटका रहा और वनवे की चुप्पी समझ से परे है,लगता है वे सत्तापक्ष से मिलकर खुद की स्वार्थपूर्ति कर रहे है.
इसके बाद जिचकर के न्यायालयीन जीत का जश्न कल रात सीपी क्लब में आयोजित किया गया. इस पार्टी में जाने का महाकालकर गुट और संदीप सहारे गुट ने विरोध दर्शाया। सहारे गट में ४ नगरसेवक थे,उन्हें विरोध को देखते हुए उनके नेता खुद सभी नाराज नगरसेवकों के घर घर जाकर उन्हें मनाकर उक्त पार्टी स्थल तक साथ ले गए,लेकिन उक्त नाराज नगरसेवकों की नाराजगी दूर नहीं कर पाए.