Published On : Wed, Aug 4th, 2021

एक भी सीमेंट सड़क में ‘RIDING QUAILITY’ नहीं

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– लगता हैं मुरुम-गिट्टी के सड़कों पर सफर कर रहे,वाहन-शरीर पर पड़ रहा बुरा असर,अभी से ही मरम्मत खर्च शुरू हो गया,बावजूद इसके मनपा प्रशासन ठेकेदारों को बचाने में लीन हैं

नागपुर – केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के सलाह पर सालाना खर्च बचाने के उद्देश्य से डामर सड़क को सीमेंट सड़क में तब्दील करने का सिलसिला शुरू हुआ.दूसरी ओर इसे अवसर समझ सीमेंट सड़कों के नाम पर मनपा अधिकारी-पदाधिकारियों ने घटिया सीमेंट सड़कों का निर्माण कर अपना भविष्य उज्जवल कर लिया।नतीजा गडकरी के स्वप्न की तिलांजलि देते हुए ऐसे सड़कों का निर्माण किया गया जो आवाजाही करने लायक ( RIDING QUALITY) नहीं हैं.इन मार्गों पर स्वास्थ्य को तकलीफें हो रही तो अस्वस्थ्य की परेशानी आसानी से समझी जा सकती हैं.मजेदार बात यह हैं कि गडकरी का उद्देश्य था कि बारम्बार सड़क निर्माण में मनपा में खासकर भ्रष्टाचार हो रहा,सीमेंट सड़क बनेगी तो कम से कम 10-15 साल मरम्मत नहीं करना पड़ेगा,अर्थात सालाना होने वाली मरम्मत खर्च बचेगी,लेकिन अभी से ही मरम्मत खर्च होना शुरू हो गया.

इसके बावजूद मनपा प्रशासन भ्रष्ट सीमेंट सड़क ठेकेदारों की तरफदारी करते नहीं थक रहा,जबकि मनपा में सीमेंट सड़क निर्माण का एक भी अधिकारी को अनुभव नहीं,जिन्हें था उन्हें इस प्रकल्प से दूर रखा गया,कुछ बाहरी अधिकारियों को अनुभव हो सकता है,वह भी कागजी।नतीजा ठेकेदार कंपनी रिश्वत खिला-खिला कर गुणवत्ता की तिलांजलि दे रही हैं.

मनपा प्रशासन ने 2015-16 से अबतक 3 चरणों में कुल 130.32 किलोमीटर सीमेंट सड़कों का निर्माण करने का निर्णय लिया।इस क्रम में पहले चरण का 30 सड़क ( 25 किलोमीटर ) का काम लगभग समाप्ति पर हैं,पहले चरण में 104 करोड़ रूपए का खर्च किया गया.दूसरे चरण और तीसरे चरण का काम अभी भी जारी हैं.दूसरे चरण में स्थानीय ठेकेदारों ( मेसर्स अश्विनी इंफ़्रा और मेसर्स डीसी ग़ुरबक्षाणी ) को ठेका मिले इसलिए JV की शर्ते रखी गई थी,जिसमें बड़ी असोचनीय धांधली की गई.जिस पर अंतिम निर्णय लेने में आयुक्त खुद को असक्षम समझ रहे,इसलिए पिछले 10 माह से टालमटोल कर रहे.

दूसरे चरण में 59 सड़क अर्थात 66.32 किलोमीटर और तीसरे चरण में 39 सड़क अर्थात 39 किलोमीटर सड़कों का निर्माण जारी हैं.इन दोनों चरणों में कुल 600 करोड़ रूपए खर्च होंगे।

सीमेंट सड़कों पर कुल 704 रूपए खर्च बाद ( जिसमें मनपा,नासुप्र और राज्य सरकार का बराबरी का हिस्सा हैं ) एक भी सड़क में RIDING QUALITY’ नहीं हैं,सड़कों में बराबर पानी नहीं डालने से दरारें पड़नी शुरू हो गई,कई सड़कों में गड्ढे होने लगे,नतीजा मरम्मत करने की नौबत आन पड़ी,मरम्मत का स्तर भी घटिया होने से ठीक तरह से मरम्मत कार्य नहीं हो रहा.सीमेंट सड़कों पर दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी हैं.

उल्लेखनीय यह हैं कि ‘NAGPUR TODAY’ ने फेज-2 के पॅकेज 17-18 के टेंडर देने और नियमित भुगतान में की गई धांधली का मामला पिछले वर्ष सितम्बर 2020 में उठाया और अबतक की गई धांधली से आयुक्त को अवगत करवाया जा रहा लेकिन आयुक्त मनपा और राज्य सरकार के प्रतिनियुक्ति पर मनपा में तैनात तथाकथित CE पर कार्रवाई करने में पिछले 10 माह से हिचकिचा रहे.क्या आयुक्त खुद को असक्षम समझ रहे ?

मामला यह हैं कि टेंडर शर्त के हिसाब से कागजातें जमा नहीं की गई,फिर भी किसी न किसी के सलाह पर टेंडर दिया गया.टेंडर शर्त के हिसाब से बैंक खाता नहीं खोला गया फिर भी SILENT PARTNER ( JV में 40% हिस्सेदारी DC GURBAXANI) के EXISTING ACCOUNT को JV ACCOUNT दर्शाकर, में शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया गया.

इन खामियों को नज़रअंदाज करते हुए मनपा की तथाकथित CE ने अपने मानस बंधू उर्फ़ DC GURBAXANI नामक कंपनी को बचाने के लिए आजतक जीतोड़ मेहनत कर रही,जिसे आयुक्त हवा दे रहे,क्यूंकि आयुक्त 10 माह बीत जाने के बावजूद ठोस कार्रवाई करने के बजाय शांत बैठे हैं ?