नागपुर. मनपा में लगभग 10 वर्षों तक सेवाएं दिए जाने के कारण स्थायी आधार पर चयन और नियुक्ति पर विचार करने के आदेश देने का अनुरोध करते हुए धरती मोरे एवं अन्य 47 नर्सों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. जिस पर सुनवाई के दौरान मनपा की ओर से पैरवी कर रहे अधि. जैमीनी कासट ने कहा कि नर्सों केपद के लिए की जानेवाली भर्ती के मामले में साक्षात्कार का कोई तत्व ही नहीं है. केवल आनलाइन परीक्षा के परिणाम के आधार पर चयन सूची घोषित की जाएगी. दोनों पक्षों की दलिलों के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के अनुभव को देखते हुए क्या भर्ती प्रक्रिया के मद्देनजर उम्मीदवारी के मूल्यांकन में इसे माना जा सकता है या नहीं, इस पर हलफनामा दायर करने के आदेश मनपा को दिए. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधि. सन्याल ने पैरवी की.
सुनवाई के दौरान हलफनामा पर कोर्ट का ध्यानाकर्षित करते हुए बताया गया कि भर्ती नियमों में भी साक्षात्कार आयोजित करने का प्रावधान नहीं है. याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे अधि. सन्याल की ओर से सरकार द्वारा तैयार की गई नीति का हवाला देते हुए बताया गया कि मनपा की स्थापना पर उपलब्ध स्थायी पद पर भर्ती के लिए याचिकाकर्ताओं की उम्मीदवारी पर विचार किया जा सकता है. जिसका उल्लेख 4 मई 2022 को जारी सरकारी अधिसूचना में भी किया गया है. अधि. सन्याल ने दावा किया कि मनमानी से बचने के लिए साक्षात्कार का विकल्प पहले ही दे दिया गया है.
दोनों पक्षों की दलिलों के बाद कोर्ट ने आदेश में कहा कि यदि याचिकाकर्ताओं के वकील की दलिल पर विचार किया जाए, तो विनोद कुमार और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आधार पर एक बार के उपाय के रूप में सुको ने छूट दी है और दावे पर विचार करने का निर्देश दिया है. जहाँ तक इस मामले का सवाल है, निस्संदेह मनपा द्वारा यह विशेष रूप से उल्लेख किया गया है कि अधिसूचना के अनुसार साक्षात्कार आयोजित नहीं किए जाते हैं. किंतु क्या याचिकाकर्ता के पिछले अनुभव को भर्ती प्रक्रिया के मद्देनजर उम्मीदवारी के मूल्यांकन के लिए माना जा सकता है, इस पर विचार नहीं किया गया है. जिसका खुलासा करने के आदेश मनपा को दिए.