Published On : Mon, Nov 13th, 2017

विभागीय क्रीड़ा संकुल को सरकारी मदद नहीं

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Mankapur Sports Complexनागपुर: राज्य सरकार द्वारा आए दिन खेल-खिलाड़ियों को बढ़ावा देने को लेकर बयानबाज़ी की जाती है. पिछले दो दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री द्वारा खेल- खिलाड़ियों के उत्थान के लिए अव्वल दर्जे के प्रतियोगिता के आयोजन में मदद करने का आश्वासन दिया था. लेकिन इन आश्वानों की जब तह टटोली गई तो पता चला कि मानकापुर के इस विभागीय संकुल को सरकार से कोई ठोस मदद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में शासकीय क्रीडा संकुलों से राज्य का प्रतिनिधित्व करनेवाले अंतर्राष्ट्रीय दर्जे के खिलाडियों के पैदा होने की संभावनाएं कमजोर पड़ने लगती है. इसके सफल संचलन व देखभाल के लिए एक समिति का गठन कर दिया गया है. यह समिति इस संकुल में खेल, प्रशिक्षण, प्रतियोगिता, देखभाल आदि के लिए खेल के साथ व्यावसायिक आयोजनों के लिए भी परिसर उपलब्ध करवाती है. व्यावसायिक आयोजनों से मोटी आमदनी हो जाती है, इसलिए ऐसे आयोजनों को पहले तवज्जों दिया जाना लाजमी है.

संकुल का मासिक बिजली बिल लगभग ३ लाख रुपए, सुरक्षा कर्मियों पर १.५० लाख रुपए, मरम्मत व हाउस कीपिंग पर १.७५ लाख रुपए के साथ पानी आदि पर खर्च होता है.

संकुल के लिए एक भी कर्मी नहीं

उक्त दोनों कार्यालयों के कर्मचारी ही सम्पूर्ण परिसर का काम संभालते हैं. क्रीड़ा उपसंचालक विभाग में मंजूर पद 12 हैं जिसमें से 8 पद रिक्त हैं. वहीं जिला क्रीड़ा विभाग के 2 पद रिक्त हैं. लेकिन संकुल के देखभाल या उनके संचलन के लिए एक भी कर्मी नहीं है. सरकार अगर खुद संकुल का संचलन करे तो उन्हें 2 दर्जन पूर्णकालीन स्थाई कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी और उन्हें मासिक खर्च सिर्फ कर्मियों पर ही 2 लाख रुपए तक आएगा। शेष अन्य खर्च अलग करने होंगे। इस हिसाब से सरकार को प्रत्येक विभागीय क्रीड़ा संकुल के लिए सालाना ढाई करोड़ रुपए खर्च आएगा। सरकार ने सम्पूर्ण राज्य के विभागीय संकुलों पर उक्त मामूली राशि खर्च नहीं की तो सरकार भविष्य में सिर्फ दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों के स्वागत व उन्हें सरकारी खजाने से लाखों के नगदी उपहार देने के अलावा कोई काम नहीं कर पाएगी।

श्रीश्री के आयोजकों से मिलेंगे 10 लाख रुपए

आगामी 17 से 19 नवम्बर 2017 तक मानकापुर क्रीड़ा संकुल में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री की उपस्थिति में ‘अंतरंग वार्ता’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस कार्यक्रम के लिए संकुल व्यवस्थापन करनेवाली समिति को 10 लाख रुपए आयोजकों से बतौर किराए के तौर पर मिलने वाला है. व्यवस्थापन समिति इस राशि का इस्तेमाल अगले 3 माह के दरम्यान होने वाले बिजली खर्च का बिल चुकाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा.यह आयोजन डोनेशन देने वालों के लिए हैं,जो डोनेशन कूपन ख़रीदेंगा उन्हें ही प्रवेश दिया जाएगा। संकुल में मात्र ६ हज़ार लोगों की बैठने की व्यवस्था हैं.आयोजन मंडल ज्यादा से ज्यादा ५०००० वाली डोनेशन कूपन बिक्री पर जोर दे रहे हैं.इस आयोजन के माध्यम से आयोजन मंडल को करोड़ों में डोनेशन राशि प्राप्त होंगी। सवाल यह उठता हैं कि यह राशि आयकर के दायरे में हैं या इन्हें किसी कानून के तहत कितना भी डोनेशन जमा करने की छूट दी गई हैं.