Published On : Mon, Oct 22nd, 2018

मनपा आयुक्त आए और सोमवार को मुंबई चल दिए

Advertisement

मनपा आयुक्त आए और सोमवार को मुंबई चल दिए

नागपुर: लगभग पौने २ माह के बाद संभावना थी कि मनपायुक्त सोमवार से मनपा का कार्यभार संभाल लेंगे, लेकिन आज खबर मिली की रविवार को आयुक्त वीरेंद्र सिंह नागपुर पहुंचे और आज सोमवार की सुबह-सुबह मुंबई के लिए रवाना हो गए.

Gold Rate
13 June 2025
Gold 24 KT 99,400 /-
Gold 22 KT 92,400 /-
Silver/Kg 1,07,100/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

आयुक्त के कायम रहने या तबादले या फिर कैडर में बदलाव पर जारी चर्चा को आज से विराम लगने की संभावना थी,लेकिन उनके आज सुबह मुंबई चले आने से पुनः नई-नई चर्चा को वेग मिल गई.

चर्चा है कि आयुक्त का आज सुबह अचानक मुंबई जाना, मनपा की आर्थिक हालातों पर उच्च स्तरीय चर्चा सह निराकरण के उपाय के लिए उन्हें बुलाया गया. चर्चा यह भी है कि आयुक्त का तबादला हो चुका है, वे जल्द नए आयुक्त या फिर वर्तमान प्रभारी आयुक्त को प्रभार देकर लौट जाएंगे.

यह भी चर्चा है कि आयुक्त काफी अर्से से कैडर में बदलाव कर राजस्थान जाना चाह रहे हैं. क्यूंकि उनकी पत्नी आईआरएस हैं और वे राजस्थान में तैनात हैं. पारिवारिक अड़चनों को दूर करने आयुक्त का कैडर में बदलाव जायज ठहराया जा रहा है.

उल्लेखनीय यह है कि आयुक्त वीरेंद्र सिंह भूतपूर्व सैनिक हैं. इसलिए मनपा में ‘मिलिट्री सिस्टम’ के तहत वातावरण बनना शुरू हो गया था. अमूमन सभी काम सह आवाजाही समयबद्ध हो गया था. काम के मामले में अति महत्वपूर्ण,जनहित कामों को तहरिज दी जा रही थी. उक्त रवैये से सत्तापक्ष,विपक्ष सह अधिकारी वर्क के पेट में दर्द होने लगा था. सत्तापक्ष के सुप्रीमो के चयन व इच्छानुसार मनपा में शिष्टाचार लाने के लिए वीरेंद्र सिंह को मनपा में बतौर आयुक्त भेजा गया था.

आयुक्त की कार्यशैली से एक वर्ग जो कभी अन्यायग्रस्त हुआ करता था, वह काफी खुश था, क्यूंकि आयुक्त व्यक्तिगत परफॉर्मेंस को तरजीह दे रहे थे.

इनके आकस्मिक छुट्टी पर चले जाने से तैयार हो रही सिस्टम ढह गई. प्रभारी आयुक्त पर पहाड़ टूट पड़ा. वे आज तक संभल नहीं पाए. कार्यालय में कम,वनमति में ज्यादा बैठने लगे, कभी दौरे पर तो कभी छुट्टी पर देखे गए. इस चक्कर में मनपा की हालात चरमरा गई.

अच्छा हुआ प्रभारी मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी मोना ठाकुर के तबादले के बाद आयुक्त ने विभाग का प्रभार उपायुक्त नितिन कापड़निस को दे दिया, वर्ना किसी और के पास होती तो मनपा खजाने में जमा निधि का बंटाधार कर दिया गया होता. जैसे पूर्व लेखा व वित्त अधिकारी मदन गाडगे ने किया. यह बात और है कि गाडगे ने अधिकारी-पदाधिकारी के ‘कांधो पर बन्दूक रख खुद की रोटी घी में सेंक चलते बने. अब देखना यह है कि आयुक्त वीरेंद्र सिंह मुंबई से लौटने के बाद क्या रुख अख्तियार करते हैं.

Advertisement
Advertisement
Advertisement